यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। गुरु-शिष्य परंपरा को कलंकित करने वाला एक शर्मनाक मामला थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम सिंयापुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में सामने आया है, जहां एक शिक्षक द्वारा अपने 8 वर्षीय छात्र को बुरी तरह से पीटे जाने की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।
प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शिवराम ने 8 वर्षीय छात्र विभान बाबू को केवल इसलिए बेरहमी से पीटा क्योंकि वह कक्षा में दिए गए सवाल का उत्तर नहीं बना सका। शिक्षक ने विभान बाबू को फंटी (लकड़ी की पट्टी) से मारने का आरोप है, जिससे छात्र को गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना के बाद छात्र बुरी तरह से सहमा हुआ है और उसकी हालत देखकर स्कूल के अन्य छात्र और अभिभावक भी चिंतित हो गए हैं।
इस घटना के बाद, पीडि़त छात्र की मां मंजू, पत्नी नीरज, ने शिक्षक शिवराम के खिलाफ थाना कमालगंज में तहरीर दी है। उन्होंने तहरीर में शिक्षक पर अपने पुत्र के साथ बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया है। मंजू ने बताया कि जब विभान बाबू स्कूल से घर पहुंचा, तो वह बहुत डरा हुआ था और उसकी पीठ पर गहरी चोट के निशान थे। उसने अपने माता-पिता को बताया कि शिक्षक ने उसे फंटी से मारा था।
इस घटना के बाद ग्रामवासियों और अभिभावकों में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षक का यह अमानवी कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा का अपमान है और ऐसे शिक्षक को तुरंत स्कूल से निलंबित किया जाना चाहिए। लोगों ने प्रशासन से शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। थाने के प्रभारी ने कहा है कि शिकायत के आधार पर शिक्षक शिवराम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी इस घटना की सूचना दी गई है और उनसे भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
फिलहाल, पुलिस ने विभान बाबू की मेडिकल जांच कराई है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। प्राथमिक विद्यालय में इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन भी सवालों के घेरे में आ गया है, और शिक्षा विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।
इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा प्रणाली में मौजूद खामियों को उजागर किया है। एक शिक्षक, जिसे बच्चों का मार्गदर्शन और संरक्षण करना चाहिए, उसने अपनी भूमिका का दुरुपयोग कर एक मासूम बच्चे पर अत्याचार किया। इस घटना ने न केवल गुरु-शिष्य संबंधों को ठेस पहुंचाई है, बल्कि समाज में शिक्षकों की छवि पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा और पीडि़त परिवार को न्याय मिलेगा।