– अनफिट वाहनों से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
फर्रुखाबाद। जनपद में निजी स्कूल संचालकों की लापरवाही बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती है। जिले की सड़कों पर स्कूली बच्चों को ढोने वाले अनफिट वाहन खुलेआम दौड़ रहे हैं। परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले के करीब 250 निजी स्कूलों के 468 स्कूली वाहन एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से 118 वाहन ऐसे हैं जिनकी फिटनेस समाप्त हो चुकी है। बावजूद इसके ये वाहन बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने का काम रोजाना कर रहे हैं।
सड़कों पर नियमों की अनदेखी
सड़क सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर ये वाहन ओवरलोडिंग, बिना परमिट और खराब तकनीकी स्थिति में दौड़ रहे हैं। कई स्कूल वैनों में अग्निशमन यंत्र नहीं हैं और इमरजेंसी एक्जिट का भी कोई प्रबंध नहीं दिखता। कुछ वैन तो ऑटो रिक्शा को मॉडिफाई कर स्कूल वैन की तरह इस्तेमाल कर रही हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है।
बावजूद इसके आरटीओ विभाग और जिला प्रशासन की निष्क्रियता से सवाल उठ रहे हैं। परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूल वाहनों की जांच और फिटनेस की कार्यवाही तो की जाती है, लेकिन 118 वाहनों का बिना फिटनेस के सड़कों पर दौड़ना दर्शाता है कि ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई शून्य है।
जनता और अभिभावकों में आक्रोश
अभिभावकों का कहना है कि हर साल स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच की बात होती है, लेकिन हकीकत में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। अगर कोई बड़ा हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
इस संबंध में जब एआरटीओ कार्यालय से संपर्क किया गया तो अधिकारी ने कहा, “स्कूली वाहनों की जांच अभियान चलाया जा रहा है। जिन वाहनों की फिटनेस खत्म हो चुकी है, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।”
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या कार्रवाई किसी हादसे के बाद ही होगी, या प्रशासन जागरूक होकर पहले से ही इन वाहनों को सड़कों से हटाएगा?
अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से पहले स्कूल प्रबंधन से यह जानकारी अवश्य लें कि वाहन की फिटनेस पूरी है या नहीं। यह आपके बच्चे की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।