– दो कोटेदारों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी, मृतकों के नाम पर भी हो रहा था वितरण
फर्रुखाबाद, राजेपुर: ग्राम पंचायत कुमरावर में राशन कार्डों (ration card) के सत्यापन के दौरान एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर ग्राम विकास अधिकारी (Village Development Officer) मानवेंद्र प्रताप सिंह ने ग्राम सचिवालय में बैठक कर ग्रामीणों और राशन कार्ड धारकों से सत्यापन कराया। इस दौरान दो कोटेदारों — नगला खुशी के उमेंद्र सिंह और कुमरारोड के शिव प्रताप — की राशन दुकानों पर अपात्र लाभार्थियों के नाम पर फर्जी तरीके से कार्ड चलाए जाने की बात सामने आई।
ग्राम विकास अधिकारी के अनुसार, नगला खुशी की दुकान पर जमादार सुरेश, वृंदावन, ओमकार, गोवर्धन और मोहन सहित कई लोगों के कार्ड अपात्र पाए गए। वहीं, कोटेदार शिव प्रताप की दुकान पर राजकुमार, कौशल प्रताप, सर्वेश, अजय पाल, रामप्रकाश, मनोज, राम मोहन और अशोक सिंह के नाम पर जारी कार्ड फर्जी निकले। इन सभी का नाम पात्रता सूची में नहीं था, इसके बावजूद ये वर्षों से राशन ले रहे थे।
सत्यापन के दौरान यह भी सामने आया कि छह मृतकों के नाम पर भी राशन का वितरण हो रहा था। इन फर्जी कार्डों के जरिए सरकारी अनाज का गबन किया जा रहा था। कोटेदारों द्वारा योजनाबद्ध ढंग से अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाने और सरकारी राशन हड़पने की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई। सत्यापन के बाद पूरी रिपोर्ट खाद्य विभाग को सौंप दी गई है और दोषी कोटेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। ग्राम प्रधान हिमानी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्रामीणों को उनका वाजिब हक दिलाना ही उनकी प्राथमिकता है और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
खाद्य विभाग अब दोनों कोटेदारों — उमेंद्र सिंह और शिव प्रताप — के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी में है। यदि जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होती है तो इनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं और एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जा सकता है। घोटाले से आक्रोशित ग्रामीणों ने मांग की है कि मृतकों और फर्जी कार्ड धारकों के नाम पर जितने वर्षों से राशन उठाया गया है, उसकी भरपाई कोटेदारों से कराई जाए और उन्हें सार्वजनिक रूप से ब्लैकलिस्ट किया जाए।