- फर्रुखाबाद में श्रद्धांजलि सभा के बहाने बीजेपी पर तीखा प्रहार, बोले— भगवान तक को नहीं बख्शा
फर्रुखाबाद। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधबार को फर्रुखाबाद पहुंचकर दिवंगत पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि छोटे सिंह यादव जैसे नेताओं की आज के दौर में बेहद आवश्यकता है, जो संगठन और जमीनी हकीकत को समझते थे।
उन्होंने कहा कि हमने एक ऐसा नेता खोया है जो संगठन और जमीनी चीजों को समझते थे। छोटे सिंह यादव जी की कमी समाजवादी आंदोलन में हमेशा दिखाई देगी। श्रद्धांजलि सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री यादव ने भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में नकारात्मक राजनीति कर रही है और धर्म तथा जाति के नाम पर समाज को तोड़ने का काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि धर्म धर्म से लड़े, जाति जाति से लड़े। नकारात्मक राजनीति करने का तरीका है भाजपा का। इटावा की हालिया घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब लोग अपने भगवान की भी कथा नहीं कर सकते? उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके बाल काटे गए, चोटी काटी गई, उन्हें केवल इसलिए प्रताड़ित किया गया क्योंकि वे भगवान कृष्ण की कथा कह रहे थे।
जिनके बाल काटे गए, चोटी काटी गई, वह अपने भगवान की भी भागवत कथा नहीं कह सकते हैं? बीजेपी को तकलीफ यह है कि भगवान कृष्ण का प्रचार ज्यादा है, उन्हें दुनिया में पूजते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश और केंद्र की सरकारों को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा कि पूरी व्यवस्था भ्रष्टाचार से सड़ चुकी है।
पूरी सरकार में पानी चू रहा है भ्रष्टाचार का। उन्होंने वादा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को खत्म कर सभी को पक्की नौकरियां दी जाएंगी। हम लोग आउटसोर्स खत्म करेंगे और पक्की नौकरी देंगे।
अखिलेश यादव ने भाजपा की विचारधारा पर भी निशाना साधा और कहा कि यह विचारधारा देशी नहीं, बल्कि अंग्रेजों द्वारा बनाई गई है।
बीजेपी को और बीजेपी की विचारधारा को अंग्रेजों ने बनाया।इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश में दलित व्यक्ति पर पेशाब करने की घटना का उल्लेख करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से पीड़ित परिवार से मिलने की अपील की।
मैं आपके माध्यम से अपील करूंगा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, जिन पर पेशाब डाली गई है, जिनकी चोटी काटी गई, उस परिवार से जरूर मिले और जिन्होंने किया, उस परिवार से भी मिले।
25 जून को लगे आपातकाल की वर्षगांठ पर अखिलेश यादव ने वर्तमान परिस्थिति को ‘अघोषित आपातकाल’ बताते हुए कहा कि जैसे 1975 में लोकतंत्र कुचला गया था, वैसा ही माहौल आज भी है।एक होती है घोषित और एक होती है अघोषित। अगर हम इमरजेंसी को याद कर रहे हैं, तो इस समय जो इमरजेंसी चल रही है, उसको भी ध्यान में रखना चाहिए।अखिलेश यादव का यह दौरा जहां एक ओर श्रद्धांजलि सभा में संवेदनात्मक रहा, वहीं भाजपा के खिलाफ उनके राजनीतिक तेवर भी पूरी तरह से मुखर नजर आए।
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वह 2024 के बाद 2027 की तैयारी में पूरी ताकत झोंक रहे हैं और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर ले जाने को तैयार हैं।