– सी.एम.एस. में ‘व्योमोत्सव’ के साथ मनाया गया ऐतिहासिक क्षण, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हुए अंतरिक्ष के लिए रवाना
लखनऊ। आज का दिन लखनऊ के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गया। जैसे ही भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट ने अमेरिका के फ्लोरिडा से अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी, सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.), कानपुर रोड कैम्पस स्थित वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर (WUCC) तालियों, खुशी के आंसुओं और जयघोष से गूंज उठा। यह ऐतिहासिक पल था, जब सी.एम.एस. के पूर्व छात्र और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु “शुक्स” शुक्ला AXIOM-4 अंतरिक्ष मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए।
इस विशेष अवसर को चिरस्मरणीय बनाने के लिए विद्यालय ने भव्य ‘व्योमोत्सव’ का आयोजन किया, जिसने पूरे परिसर को एक जीवंत मिनी स्पेस सेंटर में बदल दिया। इस आयोजन में शुभांशु शुक्ला के माता-पिता, बहनें, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, शिक्षकगण, गणमान्य अतिथि और हजारों छात्र उपस्थित रहे।
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यह आयोजन छात्रों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उनके भीतर अंतरिक्ष के सपनों को और गहराई से रोपने वाला भी बन गया।
शुभांशु का जन्म 1985 में लखनऊ में हुआ था। उन्होंने सी.एम.एस. अलीगंज से मॉन्टेसरी से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से स्नातक कर 2006 में भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया। उनके पास 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।
वर्ष 2019 में उन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया और बाद में AXIOM-4 मिशन में बतौर पायलट उनका चयन हुआ। इस 14 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन में वे NASA की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पेगी व्हिटसन (मिशन कमांडर) और हंगरी व पोलैंड के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर मानव शरीर, पोषण और शून्य गुरुत्वाकर्षण में बीज अंकुरण जैसे विषयों पर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
शिक्षा से अंतरिक्ष तक: CMS की सोच को मिली उड़ान
CMS की संस्थापिका-निदेशिका डॉ. भारती गांधी ने कहा,
“सी.एम.एस. के अनेक छात्रों ने विद्यालय का नाम रोशन किया है, परंतु शुभांशु की यह अंतरिक्ष यात्रा प्रत्येक भारतीय बालक के लिए संभावना का प्रकाशस्तंभ बन गई है।”
विद्यालय की अध्यक्ष प्रो. गीता किंगडन ने कहा,
“शुभांशु की यह यात्रा हमारे मिशन ‘विश्व एकता व शांति हेतु शिक्षा’ का मूर्त रूप है — कक्षा में जिज्ञासु छात्र से लेकर अंतरिक्ष यात्री बनने तक की प्रेरणादायक कहानी।”
“सितारे भी हासिल किए जा सकते हैं…”
प्रक्षेपण से पूर्व शुभांशु ने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था,
“सितारे भी हासिल किए जा सकते हैं… जय हिंद!”
यह पंक्ति अब देशभर में छात्रों और युवा वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरक मंत्र बन चुकी है। कार्यक्रम के समापन पर “जय जगत” और “भारत माता की जय” के नारों से वातावरण गूंज उठा।
इस ऐतिहासिक मिशन के साथ भारत के अंतरिक्ष सपनों को एक नया चेहरा मिल गया है — ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, लखनऊ के लाल, जो अब पूरे देश का गौरव बन चुके हैँ।