– एनकाउंटर, गैंगस्टर एक्ट और माफिया पर कार्रवाई से भयमुक्त हुआ प्रदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराध और अपराधियों पर जिस सख्ती से कार्रवाई की गई है, उसने माफियाओं को या तो सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है या राज्य से बाहर भागने पर मजबूर कर दिया है।
राज्य अब भयमुक्त, सुरक्षित और निवेश योग्य वातावरण वाला प्रदेश बन चुका है।
7,000 से अधिक पुलिस एनकाउंटर (2017–2025):
इन कार्रवाइयों में 180 कुख्यात अपराधी मारे गए, 23,000 से अधिक गिरफ्तार। पुलिस पर हमला करने वाले अपराधियों को अब सीधा जवाब मिल रहा है।
₹2,400 करोड़ से अधिक की माफिया संपत्ति जब्त:
अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, दाऊद गिरोह जैसे कई संगठित अपराध नेटवर्क को ध्वस्त किया गया।
बुलडोजर एक्शन:
गैंगस्टर एक्ट के तहत अवैध निर्माण, संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर समाज को स्पष्ट संदेश दिया गया — “अपराधी या तो सुधरें, नहीं तो मिट जाएं।”
महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभियान चलाया गया। स्कूल-कॉलेज के आसपास पिंक बूथ, नारी रक्षक दल, और महिला हेल्पलाइन 1090 को और मजबूत किया गया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट और E-FIR:
बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे मामलों की जल्द सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित की गईं। पुलिस सिस्टम में तकनीक का समावेश किया गया — थानों में CCTV, E-FIR, और GPS फ्लीट मैनेजमेंट लागू हुआ।
सीएम योगी का कहना है, कि “अपराधियों को अब सत्ता का संरक्षण नहीं, कानून का डंडा मिलता है। उत्तर प्रदेश अब गुंडाराज नहीं, रामराज्य की ओर बढ़ रहा है।”