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Tuesday, June 17, 2025

गौतमबुद्ध नगर RTO कार्यालय में बड़ा खुलासा: हजारों रुपये चालान बकाया होने पर भी जारी कर दी गई वाहन NOC, जांच के आदेश

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– दलालों और विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से कंप्यूटरीकृत सिस्टम की साख पर सवाल?
– RTO अधिकारी बोले—कसूरवार पर होगी सख्त कार्रवाई।

अनुराग तिवारी (विशेष संवाददाता)

गौतमबुद्ध नगर, (नोएडा): उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) जिले के परिवहन विभाग (transport department) में एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें नियमों की पूरी तरह अनदेखी करते हुए चालान बकाया रहने के बावजूद वाहन संख्या UP16BB4377 कार को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी कर दिया गया। यह गड़बड़ी तब उजागर हुई जब वाहन का नया स्वामी कागजात लेकर आगरा परिवहन विभाग पहुँचा और वहां उसे बताया गया कि उक्त वाहन पर अभी हजारों रुपये का चालान बकाया है।

इस चौंकाने वाले मामले पर जब यूथ इंडिया के विशेष संवाददाता ने गौतमबुद्ध नगर के संभागीय परिवहन अधिकारी सियाराम वर्मा से सवाल किया, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि “बिना लंबित चालान निपटाए किसी भी वाहन का NOC जारी नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा हुआ है तो यह नियमों का गंभीर उल्लंघन है।”।RTO अधिकारी ने स्वीकार किया कि यह मामला गंभीर है और इसकी जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि – “यह सिस्टम पूरी तरह कंप्यूटरीकृत है। अगर NOC जारी हुई है तो यह देखने की जरूरत है कि किस स्तर पर गड़बड़ी हुई। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, चाहे वह बाबू हो या कोई अन्य कर्मचारी, उसे नोटिस भेजा जाएगा और सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। – RTO सियाराम वर्मा”

दलालों की भूमिका पर उठे सवाल?

यह मामला एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि परिवहन विभाग में दलाल किस हद तक सिस्टम में घुसपैठ कर चुके हैं। आम जनता को घंटों चक्कर काटने के बाद भी जरूरी सेवाएं नहीं मिलतीं, वहीं दलालों की मदद से नियम ताक पर रखकर गैरकानूनी काम आसानी से कराए जा रहे हैं।

इस प्रकार के कृत्य न केवल विभाग की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि ट्रैफिक और वाहन संबंधित अपराधों की गंभीरता को भी कमतर कर देते हैं। यह स्थिति न सिर्फ जनहित के खिलाफ है, बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली है।

जनता को नहीं होने दी जाएगी परेशानी: RTO संभागीय परिवहन अधिकारी सियाराम वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि “किसी भी स्थिति में वाहन स्वामियों को अनावश्यक परेशानी नहीं होने दी जाएगी। विभागीय पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।” यह घटना परिवहन विभाग के उस छिपे हुए भ्रष्टाचार की परत खोलती है जो दलालों की मिलीभगत से पनप रहा है।

यदि समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह सिस्टम आम नागरिकों के लिए एक यातना केंद्र बनकर रह जाएगा। यूथ इंडिया की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी नियमों से खिलवाड़ न कर सके।

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