33.3 C
Lucknow
Tuesday, June 17, 2025

भाकियू की मासिक पंचायत में किसानों की समस्याओं पर मंथन, लिए गए अहम फैसले

Must read

हर माह 5 तारीख को होगी नियमित पंचायत, सिंचाई व खाद की मांग प्रमुख मुद्दा

फर्रुखाबाद: भारतीय किसान यूनियन (Bhakiyu) (राजनीतिक) की मासिक पंचायत (monthly panchayat) शनिवार को शमशाबाद मंडी परिसर (Shamshabad Mandi Complex) में संपन्न हुई। पंचायत की अध्यक्षता राष्ट्रीय संरक्षक सूरजपाल ने की, जबकि संचालन का जिम्मा प्रदेश महासचिव हुकुम सिंह यादव ने निभाया। इस बैठक में किसानों से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गई और उनके समाधान को लेकर संगठन की ओर से ठोस रणनीति बनाई गई।

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब संगठन की मासिक पंचायत हर माह की 5 तारीख को आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को नियमित रूप से उठाना और समाधान के लिए दबाव बनाना है।
पंचायत में किसान प्रतिनिधियों ने प्रमुखता से सिंचाई और खाद आपूर्ति की समस्या उठाई। वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा समय में फसलों की उत्पादकता घट रही है, जिसका मुख्य कारण समय से सिंचाई और उर्वरक की अनुपलब्धता है।
राष्ट्रीय संरक्षक सूरजपाल ने कहा:

 

“यदि किसान को पर्याप्त पानी और समय पर खाद मिल जाए तो वह अपनी उपज को कई गुना बेहतर कर सकता है। इससे न केवल किसान की आमदनी बढ़ेगी बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।”

 

 

प्रदेश महासचिव हुकुम सिंह यादव ने सरकार से मांग की कि

 

“हर किसान को उसके क्षेत्र की सिंचाई सुविधा का अधिकार मिलना चाहिए और खाद की काला बाजारी पर कड़ी कार्रवाई हो।”

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार किसानों को मूलभूत सुविधाएं जैसे—सस्ती और गुणवत्तायुक्त खाद, समुचित सिंचाई व्यवस्था, और फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करे, तो किसानों की आर्थिक स्थिति स्वतः सुधरेगी।

बैठक में जिला अध्यक्ष प्रेमचंद सक्सेना, सत्यपाल यादव, सुरेश चंद्र प्रजापति, देवकी देवी, रजनीश सिंह शाक्य, हरीराम, शिव शरण समेत कई दर्जन किसान व संगठन कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में संगठन को मजबूत करने और किसानों के अधिकारों की आवाज को तेज़ करने का संकल्प लिया।

भारतीय किसान यूनियन (राजनीतिक) की यह मासिक पंचायत एक बार फिर साबित करती है कि किसान अब अपने मुद्दों को लेकर संगठित और मुखर हैं। पंचायतों के नियमित आयोजन से न केवल जमीनी स्तर पर संवाद को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रशासन व सरकार पर भी जवाबदेही का दबाव बनेगा। किसानों की आवाज अब हर महीने 5 तारीख को गूंजेगी—यही इस पंचायत का सार है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article