नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ‘नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन’ (एनबीई) को मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 15 जून को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2025, तीन अगस्त को एक ही पाली में आयोजित करने की शुक्रवार को अनुमति दी।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने एनबीई की याचिका पर यह आदेश पारित किया। अदालत ने इस संस्था की दलीलें विस्तार पूर्वक सुनने के बाद परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने उसकी अर्जी स्वीकार कर ली।
इससे पहले 30 मई को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने अदिति और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था एनबीई को 15 जून को पूर्व निर्धारित दो की बजाय एक ही पाली में आयोजित कराने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर एनबीई परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की अनुमति के लिए गुहार लगा सकती है।
शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद एनबीई ने परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ने समेत सुरक्षा संबंधी अन्य उपाय करने का हवाला देते हुए तीन जून को एक आवेदन के जरिए परीक्षा को तीन अगस्त को आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।
पीठ ने 30 जून को अपने आदेश में कहा था कि परीक्षा दो पालियों में आयोजित न करें, क्योंकि इससे उम्मीदवारों को समान अवसर नहीं मिलेंगे। पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि दो पालियों में परीक्षा होने से मनमानी होगी और सामान्यीकरण प्रक्रिया को नियमित तरीके से लागू नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं दो पालियों की परीक्षा में प्रश्नपत्र कभी भी एक ही कठिनाई स्तर के नहीं हो सकते।
शीर्ष अदालत ने कहा था,“हम यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि इस देश में तकनीकी प्रगति को देखते हुए देशभर में परीक्षा करने वाली इस संस्था को एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाए।”
अदालत ने कहा था कि यदि अधिकारियों को लगता है कि वे परीक्षा केंद्रों की पहचान करने और 15 जून को परीक्षा आयोजित करने में सक्षम नहीं तो वे परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इससे पहले पांच मई को अदालत ने उक्त याचिका पर एनबीई, राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस जारी करके से जवाब मांगा था।
शीर्ष अदालत ने 22 मई को एक अन्य याचिका पर फैसला सुनाया था, जिसमें नीट-पीजी काउंसलिंग में सीट-रोकने की व्यवस्था को बंद के लिए कई निर्देश जारी किए गए थे।
शीर्ष अदालत ने परीक्षा के अंतरिम अंक, उत्तर कुंजी और सामान्यीकरण की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।