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Sunday, June 22, 2025

यूपी खरीदेगा सस्ती दरों पर बिजली, सीएम योगी की बड़ी पहल

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लखनऊ: योगी सरकार (yogi government) ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल की है। सीएम योगी (Cm yogi) के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को 1600 मेगावाट क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1500 मेगावॉट ऊर्जा बिड प्रॉसेस के माध्यम से 25 वर्षों तक खरीदने का निर्णय लिया गया है। बिडिंग प्रक्रिया में सबसे कम टैरिफ दर (5.38 रुपए प्रति यूनिट) की पेशकश करने वाली निजी कंपनी को परियोजना के लिए चुना गया है।

योगी सरकार (yogi government) की इस नई पहल से उत्तर प्रदेश को साल 2030-31 से 1500 मेगावॉट बिजली बेहद सस्ती दर पर मिलने लगेगी। यह नई परियोजना मौजूदा और आगामी तापीय परियोजनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा किफायती है। जहां जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर, पनकी जैसी परियोजनाओं से बिजली 6.6 रुपए से लेकर 9 रुपए प्रति यूनिट तक मिल रही है, वहीं DBFOO के तहत प्रस्तावित इस परियोजना के तहत 2030-31 में प्लांट के कमीशन होने के बाद बिजली सिर्फ 6.10 रुपए प्रति यूनिट की दर से प्राप्त होगी। इससे यूपी पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) को 25 वर्षों में लगभग 2958 करोड़ रुपए की बचत होगी।

25 वर्षों के लिए होगा एग्रीमेंट

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा की मांग को पूरा करने और उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमने कुछ ऊर्जा बिडिंग प्रोसेस से खरीदने का निर्णय किया है। उसी कड़ी में 1600 मेगावाट पावर प्लांट को लेकर हम आगे बढ़े हैं। हमारी शर्त थी कि जब यह प्लांट उत्तर प्रदेश में लगेगा तभी बिजली खरीदेंगे। प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन इश्यू किया था, जिसमें 7 कंपनियां आई थीं। इनमें से 5 कंपनियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (फाइनेंशिय बिड) में हिस्सा लिया। निगोशिएन के बाद उन्होंने फिक्स्ड चार्ज में 3.727 रुपए प्रति यूनिट और फ्यूल चार्ज में 1.656 रुपए प्रति यूनिट समेत कुल टैरिफ 5.38 प्रति यूनिट की न्यूनतम बिड पेश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसी टैरिफ पर 25 वर्षों की अवधि के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) हस्ताक्षरित किया जाएगा।

सार्वजनिक संयंत्रों से भी सस्ती पड़ेगी बिजली

उन्होंने बताया कि इसी निजी कंपनी ने पिछले साल अगस्त में महाराष्ट्र के साथ भी इसी प्रकार की प्रक्रिया की थी। उसकी अपेक्षा भी हमारी डील उससे कुछ सस्ती है। यही नहीं, इससे पहले भी हमारे बड़े पावर परचेज एग्रीमेंट्स हुए हैं, उसकी अपेक्षा भी मौजूदा डील सस्ती है। सार्वजनिक क्षेत्र के जो हमारे पावर प्लांट्स हैं उनकी भी बिजली का जो अनुबंध हुआ है उनकी अपेक्षा भी यह वर्तमान प्रक्रिया की बिजली काफी सस्ती पड़ेगी। उन्होंने बताया कि 2030-31 में जब पावर प्लांट तैयार होगा तब भी टैरिफ 6.10 रुपए पड़ेगा जो हमारे सार्वजनिक संयंत्रों की बिजली से सस्ता होगा।

2030-31 में परियोजना होगी शुरू

यह तापीय परियोजना वित्तीय वर्ष 2030-31 में शुरू हो जाएगी। इससे न सिर्फ बेस लोड ऊर्जा की जरूरत पूरी होगी, बल्कि राज्य में उद्योगों व घरेलू उपभोक्ताओं को भी स्थिर और सस्ती बिजली मिल सकेगी।

 

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