लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ (Lucknow) पीठ ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) के खिलाफ पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मामले में दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर दाखिल याचिका को निस्तारित कर याचियों को समुचित फोरम को अप्रोच करने की छूट दी है।
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस और अन्य द्वारा दाखिल याचिका में केंद्र सरकार को मामले में विशेष जांच दल(एसआईटी) गठित करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया था। याचियों ने भारतीय न्याय संहिता के तहत भी वाड्रा पर करवाई किए जाने का भी आग्रह किया था।
न्यायाधीश राजन रॉय और न्यायाधीश ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई कर यह आदेश दिया। याचियों की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि कोर्ट (Court) ने याचिका को निस्तारित कर मामले में याचियों को अपनी मांगों को लेकर दीवानी या आपराधिक कार्यवाही समुचित फोरम के समक्ष चलाने की छूट प्रदान की है ।
अधिवक्ता अग्निहोत्री ने आरोप लगाया था कि वाड्रा ने मीडिया में पहलगाम जैसे मामले में कथित रूप से हिंदू विरोधी बयान दिया था। जिसको लेकर केंद्र व राज्य सरकार को उनके खिलाफ कारवाई किए जाने के निर्देश देने का आग्रह किया था।
सुनवाई के समय राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह और केंद्र के अधिवक्ता पेश हुए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचियों को छूट देकर याचिका निस्तारित कर दी। अधिवक्ता अग्निहोत्री ने कहा कि वह इस आदेश की प्रमाणित कॉपी लेने के बाद मामले में आपराधिक शिकायत दर्ज कराएंगी।