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Saturday, June 21, 2025

गैंगस्टर मामले में पांच अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष का कारावास, प्रत्येक पर ₹5000 जुर्माना

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– विशेष गैंगस्टर न्यायालय ने गैंग लीडर और अन्य अपराधियों को दोषी ठहराया

फर्रुखाबाद: विशेष गैंगस्टर न्यायालय की अपर जिला जज एवं सत्र न्यायधीश रितिका त्यागी ने गैंगस्टर के मामले में पांच अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को तीन-तीन वर्ष का कारावास और ₹5000 जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। यह मामला 29 साल पुराना है, जिसमें आरोपी अमर सिंह, आदर्श पाल सिंह, सूरजपाल, रघुवीर सिंह और विजय सिंह शामिल हैं। ये सभी अभियुक्त ग्राम सिठऊपर थाना मऊदरवाजा के निवासी हैं।

यह मामला 29 वर्ष पूर्व का है जब थाना मऊदरवाजा के तत्कालीन थाना प्रभारी चंद्रशेखर गौड़ ने गैंग लीडर अमर सिंह द्वारा नया गैंग गठित करने और इसके सक्रिय सदस्यों द्वारा समाज में आतंक फैलाने, अवैध धन अर्जित करने, और समाज विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायत की थी।

गैंग के सदस्य लोगों में डर और भय फैलाकर विभिन्न अवैध गतिविधियाँ करते थे। इसके परिणामस्वरूप समाज में अस्थिरता और अपराध बढ़ने लगा था, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई थी। इसी संदर्भ में, पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया।

इस मामले में, थाना प्रभारी चंद्रशेखर गौड़ की सूचना पर पुलिस ने अमर सिंह और उसके गैंग के खिलाफ समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की जांच शुरू की और गैंग के सक्रिय सदस्यों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए।

जांच के दौरान कई गवाहों के बयान और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, जो इस बात की पुष्टि करते थे कि इन अभियुक्तों ने जनता में भय फैलाया था और अपराधों में संलिप्त थे। आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, और आरोपियों के खिलाफ मामला आगे बढ़ाया गया।

अदालत में बचाव पक्ष ने अपनी दलीलें प्रस्तुत की, लेकिन शासकीय अधिवक्ता शैलेश सिंह परमार की कुशल पैरवी ने अभियुक्तों के खिलाफ मामला मजबूत कर दिया। शासकीय अधिवक्ता ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर न्यायालय को यह साबित किया कि अभियुक्तों ने अवैध रूप से धन अर्जित करने के लिए समाज में आतंक फैला रखा था।

न्यायाधीश रितिका त्यागी ने सभी अभियुक्तों को दोषी ठहराया और उन्हें तीन-तीन वर्ष की सजा तथा ₹5000-₹5000 का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि अगर अभियुक्त जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।

इस निर्णय के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि गैंगस्टर और उनके साथियों को अपराध के लिए कड़ी सजा मिलेगी और समाज में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए न्यायपालिका सख्त कदम उठा रही है। यह फैसला न केवल फर्रुखाबाद जिले के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भेजता है कि अवैध गैंग और अपराधियों के खिलाफ प्रशासन और न्यायपालिका की ओर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को गैंगस्टरों के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया है। पुलिस और प्रशासन अब इन अपराधियों को पकड़ने के लिए और भी गंभीरता से काम कर रहे हैं, ताकि समाज में अपराध और भय को कम किया जा सके। पुलिस प्रशासन का मानना है कि इस तरह के फैसले समाज में अपराध की दर को घटाने में मदद करेंगे और आम नागरिकों को सुरक्षित महसूस कराएंगे।

इस फैसले के बाद अब गैंगस्टर और उनके समर्थकों के लिए यह संदेश है कि अपराधियों को कभी भी कानून से बचने नहीं दिया जाएगा और उन्हें सजा जरूर मिलेगी।

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