फर्रुखाबाद: जिले में बच्चों और आम नागरिकों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। कई निजी शिक्षण संस्थान, होटल और औद्योगिक इकाइयां बिना फायर एनओसी (अग्निशमन अनापत्ति प्रमाणपत्र) के धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। यूथ इंडिया की पड़ताल के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी और कुछ होटलों पर छापेमारी की कार्रवाई भी हुई, लेकिन स्कूल संचालक अब भी मानकों की धज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं।
बीते दिनों जिला प्रशासन ने शहर के कई होटलों पर छापेमारी की। जांच में पाया गया कि न तो फायर सेफ्टी उपकरण उपलब्ध थे और न ही आपातकालीन निकासी के मानक पूरे किए गए थे। इसके बावजूद सिर्फ चेतावनी देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया, जिससे सवाल उठते हैं कि क्या प्रशासन वाकई सख्त है या केवल दिखावे की कार्रवाई की जा रही है?
जिले के अधिकांश निजी स्कूल न तो फायर एनओसी के लिए आवेदन कर रहे हैं, न ही सुरक्षा मानकों को पूरा करने की दिशा में कोई कदम उठा रहे हैं। कई स्कूलों की बिल्डिंग तीन-चार मंजिल की हैं, जहां सैकड़ों बच्चे रोज पढ़ाई के लिए आते हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। न तो फायर एग्जिट है, न ही अग्निशमन यंत्र।
जब यूथ इंडिया संवाददाता ने अग्निशमन विभाग से संपर्क किया तो अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों को फायर एनओसी लेना अनिवार्य है। बावजूद इसके कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, इस पर वे चुप्पी साध गए। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस गंभीर चूक पर आंख मूंदे बैठे हैं।
सामाजिक संगठनों की मांग—RTI और शिकायत प्रक्रिया अपनाएं
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने जनता से अपील की है कि वे संबंधित स्कूलों और संस्थानों से फायर एनओसी की जानकारी RTI (सूचना का अधिकार अधिनियम) के तहत मांगें। साथ ही अगर किसी संस्थान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी दिखे, तो नागरिक जनसुनवाई पोर्टल (jansunwai.up.nic.in) या मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
अभिभावकों से अपील है कि वे अपने बच्चों के स्कूल में जाकर फायर एनओसी की स्थिति पूछें और आवश्यकता हो तो लिखित में मांग करें। यह सिर्फ आपके बच्चे की नहीं, पूरे समाज की सुरक्षा का मामला है।
क्या आपके पास ऐसे किसी स्कूल, होटल या इंडस्ट्री की जानकारी है जो बिना फायर एनओसी के चल रही है? हमें बताएं, यूथ इंडिया आपकी पहचान गोपनीय रखेगा और सच सामने लाएगा।