संदीप सक्सेना
डॉ. हीरालाल (Dr. Hiralal) का प्रशासनिक करियर उनकी कार्यकुशलता और समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता का प्रमाण है। उन्होंने अपने प्रशासनिक दायित्वों को केवल एक पद की तरह नहीं देखा, बल्कि इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के अवसर के रूप में अपनाया। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने न केवल सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया, बल्कि लोगों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक किया।
बांदा के जिलाधिकारी (डीएम) के रूप में उनकी नीतियों ने उन्हें ‘डायनेमिक डीएम’ की पहचान दिलाई। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार में विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के रूप में कार्यरत हैं, जहां वे प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था और जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए योजनाएं बना रहे हैं।
बांदा एक पिछड़ा और सूखा प्रभावित जिला माना जाता था, लेकिन डॉ. हीरालाल के प्रशासनिक नेतृत्व में जिले ने अभूतपूर्व बदलाव देखे। उनकी योजनाएं और प्रयास न केवल तत्कालिक समाधान देने वाले थे, बल्कि भविष्य में भी स्थायी विकास की नींव रखने वाले सिद्ध हुए।
जल स्रोतों का पुनरुद्धार: जिले में जल संकट को दूर करने के लिए उन्होंने ‘जल बचाओ, जीवन बचाओ’ अभियान चलाया, जिसके तहत पुराने तालाबों और जलाशयों को पुनर्जीवित किया गया।
वृक्षारोपण अभियान: जिले में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए लाखों पौधे लगाए गए और जनता को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया।
प्लास्टिक मुक्त बांदा: जिले में प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए गए।
स्मार्ट क्लासरूम और पुस्तकालयों की स्थापना: सरकारी विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए और छात्रों के लिए निःशुल्क पुस्तकालय सुविधा शुरू की गई।
बालिका शिक्षा पर विशेष जोर: ग्रामीण इलाकों में बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चलाई गईं।
किसानों को रासायनिक उर्वरकों से मुक्त खेती की ओर प्रोत्साहित किया गया, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे और किसानों को अधिक लाभ मिले।
किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं लागू की गईं।
मेडिकल सुविधाओं का आधुनिकीकरण: जिला अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
टीकाकरण, स्वच्छता और पोषण संबंधी अभियानों के माध्यम से जनता को जागरूक किया गया।
बांदा में अपनी उल्लेखनीय सेवाओं के बाद, डॉ. हीरालाल को उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में विशेष सचिव नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए वे पूरे प्रदेश में जल संसाधनों के संरक्षण और सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नीतियां बना रहे हैं।
नहरों और जलाशयों का आधुनिकीकरण: प्रदेश में नहरों और जलाशयों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जा रहा है, जिससे जल वितरण अधिक कुशल हो सके।
पूरे प्रदेश में जल संरक्षण की योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भविष्य में पानी की कमी से निपटा जा सके।
सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में जल प्रबंधन की नई योजनाएं लागू की गई हैं, ताकि किसानों और आम जनता को राहत मिल सके।
डॉ. हीरालाल की कार्यशैली और दूरदर्शिता उन्हें अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से अलग बनाती है। उन्होंने बांदा में विकास की एक नई परिभाषा गढ़ी और अब प्रदेश स्तर पर जल संसाधनों और सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उनकी प्रशासनिक कुशलता और जनता के प्रति संवेदनशीलता उन्हें एक ऐसा नेता बनाती है, जिनसे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियां भी प्रेरणा ले सकती हैं।