लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government) ट्रांसजेंडर (transgenders) समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल करने जा रही है। अब ट्रांसजेंडर्स को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार अभियान (Youth self employment campaign) से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत उन्हें कौशल के आधार पर प्रशिक्षण और ऋण सहायता दी जाएगी। यह पहल ट्रांसजेंडर समुदाय को केवल आर्थिक रूप से मजबूत नहीं करेगी, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी निर्णायक भूमिका निभाएगी।
योगी सरकार की मंशा है कि समाज में लंबे समय से उपेक्षित रहे ट्रांसजेंडर समुदाय को न केवल गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर मिले, बल्कि वे सम्मान और अधिकार के साथ आत्मनिर्भर बनें। इसी उद्देश्य से समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने विभाग को प्रदेश के प्रत्येक जिले में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
गोरखपुर में संचालित ‘गरिमा गृह’ इस दिशा में एक मिसाल बनकर उभरा है। यहां रह रहे ट्रांसजेंडर्स को शिक्षा, प्रशिक्षण और रोज़गार दिलाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। समाज कल्याण विभाग के नेतृत्व में यह केंद्र न केवल एक सुरक्षित आश्रय स्थल है, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बन रहा है। यहां अब तक आठ ट्रांसजेंडर्स को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत बैंक ऋण की सुविधा देकर ट्रांसजेंडर्स को स्टार्टअप और स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
बीते दिनों राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश भर में किन्नरों के लिए 100 कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएं। इन केंद्रों के माध्यम से इस समुदाय को शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार से जोड़ा जाए। इन केन्द्र के माध्यम से उत्तर प्रदेस ट्रांसजेंडर कल्याण के मॉडल के रूप में उभरेगा। योगी सरकार इन केंद्रों के माध्यम से ट्रांसजेंडर्स को शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, कुकिंग, सिलाई, कंप्यूटर, सौंदर्यकला आदि जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने पर विचार कर रही है। योगी सरकार चाहती है कि हाशिये पर खड़े लोगों को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक संबल मिले ताकि वे खुद को बोझ नहीं बल्कि समाज की शक्ति समझें।