केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट (Budget) पेश करते हुए किसानों को कई बड़ी सौगात दी हैं। इसमें किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई गई है। बिहार में मखाना बोर्ड का ऐलान किया है। रेहड़ी-पटरी वालों और शहरी कामगारों के लिए भी कई ऐलान किए हैं। इसके साथ ही महिलाओं के लिए भी बजट में कई ऐलान किए गए हैं। आइए जानते हैं बजट में महिला, किसान और मजदूरों को क्या मिला है…
महिलाओं के लिए क्या?
वित्त मंत्री ने कहा, सरकार 10 हजार करोड़ रुपये के योगदान से स्टार्टअप्स के लिए फंड की व्यवस्था करेगी। सरकार पहली बार पांच लाख महिलाओं, एससी और एसटी उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये का लोन देगी।
महिलाओं को बिना गारंटी के आसान शर्तों पर लोन मिलेगा। ताकि वो अपने छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय शुरू कर सकें। सरकार की इस योजना में महिलाओं को 5 साल के लिए 2 करोड़ रुपये तक की टर्म लोन की सुविधा मिलेगी। इससे 5 लाख महिलाओं को फायदा होगा।
महिलाओं को अपने उद्यम को बढ़ाने के लिए डिजिटल ट्रेनिंग, मार्केटिंग सपोर्ट और सरकारी योजनाओं से जोड़ने की सुविधा भी दी जाएगी।
किसानों के लिए क्या?
बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने का ऐलान किया गया है।
मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार ने 3 बंद पड़े यूरिया प्लांट को फिर से खोला है। यूरिया आपूर्ति को बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में 12।7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक प्लांट लगाया जाएगा। बिहार में मखाना बोर्ड का गठन होगा। बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान खोला जाएगा।
मजदूरों के लिए क्या?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम कर रहे कामगारों को ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर करके पहचान पत्र दिया जाएगा। पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ सुविधाएं दी जाएंगी। लगभग 1 करोड़ गिग कामगारों को इसका लाभ मिलेगा।
शहरी कामगारों के उत्थान की योजना को शहरी-गरीब और वंचित-समूह की आय में इजाफा करने, जीविका और बेहतर जीवन यापन के लिए लागू किया जाएगा।
बैंकों से लोन (तीस हजार रुपये) की सीमा वाले यूपीआई लिंक्ड़ क्रेडिट कार्ड और क्षमता निर्माण में सहायता देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना को बेहतर बनाया जाएगा।