राजेपुर-अमृतपुर क्षेत्र में करोड़ों की योजना भ्रष्ट रखरखाव की भेंट चढ़ी
अमृतपुर (फर्रुखाबाद): सरकार द्वारा हर घर तक स्वच्छ और शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से लागू की गई योजनाएं अब सवालों के घेरे में हैं। राजेपुर ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत थाना अमृतपुर (Police Station Amritpur) स्वास्थ्य केंद्र, क्षेत्र पंचायत कार्यालय व राजेपुर बैंक (Rajepur Bank) सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे वाटर फिल्टर (Water filters) (आरओ) सिस्टम अब खराब अवस्था में दीवारों से झूलते हुए केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। इनसे अब केवल बूंद-बूंद पानी टपक रहा है, जिससे स्थानीय जनता को गर्मी में स्वच्छ पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
“हर घर स्वच्छ जल” योजना के अंतर्गत अमृतपुर-राजेपुर क्षेत्र में वाटर टंकियों के साथ-साथ कई जगहों पर आरओ सिस्टम लगाए गए थे। शुरुआत में लोगों को उम्मीद थी कि गर्मी या बीमारी के मौसम में साफ पानी मिलेगा, लेकिन कुछ ही महीनों में इनका रखरखाव न होने के कारण ये सिस्टम पूरी तरह निष्क्रिय हो चुके हैं। पानी निकलना तो दूर, कुछ स्थानों पर मशीनें बंद पड़ी हैं और कुछ से केवल 1-2 बूंद पानी टपकता है।
स्थानीय निवासी राम किशोर, हरिओम, रमेश, प्रदीप और बाबूराम ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि लाखों की लागत से लगाए गए ये वाटर फिल्टर अब केवल दीवारों की शोभा बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि या तो इनकी नियमित सर्विस कराई जाए या पूरी तरह से बदलकर नए और कार्यशील आरओ लगाए जाएं, जिससे आमजन को राहत मिल सके।
स्वास्थ्य केंद्रों और थानों में आने वाले मरीजों और फरियादियों के लिए शुद्ध पानी का कोई भरोसेमंद इंतजाम नहीं बचा। पीने का पानी मांगने पर या तो मना कर दिया जाता है या फिर लोग बाहर से बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर होते हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार की मंशा रही है कि किसी को भी पानी के लिए तरसना न पड़े।
स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को लेकर जनता में रोष है। करोड़ों की लागत से तैयार योजनाओं पर यदि समय रहते निगरानी और रखरखाव न किया जाए, तो यह केवल सरकारी धन की बर्बादी और जनता के साथ धोखा बनकर रह जाती हैं। ऐसे में जरूरत है कि राजेपुर ब्लॉक प्रशासन तत्काल संज्ञान ले और इन वाटर फिल्टर सिस्टम की मरम्मत या पुनःस्थापना कराए, ताकि लोगों को भीषण गर्मी में राहत मिल सके और सरकारी योजनाओं की साख भी बची रह सके।