फतेहपुर। वर्ग विशेष के सनकी प्रवृत्ति के युवक द्वारा 11 वर्षीय मासूम के संग दरिंदगी पूर्ण दुष्कर्म (Rape) की घटना के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने और पुलिसिया संरक्षण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं योगी सरकार की छवि खराब करने में जुटी स्थानीय पुलिस पीड़ित परिवार को न्याय न देकर उल्टे आरोपी को संरक्षण देकर मित्र पुलिस की परिकल्पना को बट्टा लग रही है।
ग्राम सिसई, थाना किशनपुर में नाबालिग बच्चे (11 वर्ष) के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद से विवाद गहराता जा रहा है। पीड़िता के परिजनों ने गांव के निवासी मोहम्मद शनि हुसैन पर बच्ची को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि गांव के ग्राम प्रधान उमेश चंद्र आरोपी शनि हुसैन को बचाने के लिए सक्रिय हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस पर दबाव डालकर कार्रवाई को रोका जा रहा है। परिवार का यह भी कहना है कि ग्राम प्रधान और आरोपी के बीच गहरे संबंध हैं, जिससे न्याय में बाधा उत्पन्न हो रही है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज और मेडिकल परीक्षण कराया गया। रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि थाना किशनपुर के एसएचओ ने ग्राम प्रधान और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव में आकर मुकदमा लिखने के बाद भी कार्रवाई में देरी की है।हालांकि पुलिस जल्द गिरफ्तारी की बात कह रही है।
पीड़िता के परिवार का यह भी कहना है कि मुस्लिम बहुल आबादी और राजनीतिक दबाव के चलते आरोपी को संरक्षण मिल रहा है। स्थानीय समुदाय का एक वर्ग भी आरोपी के पक्ष में है, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है।
पीड़ित परिवार ने तीन दिनों के भीतर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे मुख्यमंत्री के कार्यालय के सामने धरना देंगे और आमरण अनशन पर बैठेंगे।
घटना के तीन दिन बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता ने उनके विश्वास को हिलाकर रख दिया है।
यह मामला केवल एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक तंत्र और राजनीतिक हस्तक्षेप पर भी सवाल खड़ा करता है। पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।