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Monday, August 18, 2025

फर्जी पहचान और प्लास्टिक सर्जरी से लुक बदलकर लखनऊ में रह रहीं थीं उज्बेक युवतियां, ATS ने किया गिरफ्तार

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– उत्तर प्रदेश ATS की बड़ी कार्रवाई, विदेशी महिलाओं पर अवैध प्रवेश और फर्जी दस्तावेज़ों का मामला दर्ज

लखनऊ: राजधानी लखनऊ (Lucknow) में प्लास्टिक सर्जरी के ज़रिए अपनी असली पहचान छिपाकर रह रहीं उज्बेकिस्तान की दो युवतियों (Uzbek girls) को UP ATS (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने गिरफ्तार किया है। दोनों महिलाओं पर फर्जी पासपोर्ट (fake passport) और वीज़ा के ज़रिए भारत में अवैध रूप से रहने का आरोप है। यह कार्रवाई अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार की गई है।

ATS को इन दोनों विदेशी युवतियों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। जब जांच की गई, तो सामने आया कि दोनों ने अपने चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करवा रखी थी, ताकि उनकी पहचान उज्बेकिस्तान की सरकारी एजेंसियों और भारतीय सुरक्षा तंत्र से छिपी रहे। जांच के बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, दोनों युवतियां फर्जी पासपोर्ट और डुप्लीकेट वीज़ा के जरिए भारत में दाखिल हुई थीं और लखनऊ के पॉश इलाके में किराये पर फ्लैट लेकर पिछले कुछ समय से रह रही थीं। इनके पास से कई जाली दस्तावेज़, विदेशी मुद्रा और संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ बरामद किए गए हैं। ATS अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन युवतियों का किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह, मानव तस्करी या जासूसी गतिविधियों से कोई संबंध तो नहीं है। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि भारत में रहने के दौरान इनका संपर्क किन-किन लोगों से रहा।

यह मामला एक बार फिर भारत में विदेशी नागरिकों की निगरानी व्यवस्था और वीज़ा प्रक्रिया की खामियों को उजागर करता है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक अलर्ट है कि सिर्फ कागज़ी दस्तावेज़ नहीं, फिजिकल वेरिफिकेशन और डिजिटल ट्रैकिंग पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाय। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ बॉर्डर की सुरक्षा नहीं, शहरों के भीतर की सतर्कता भी जरूरी है। भारत को न सिर्फ डिजिटल स्मार्टनेस चाहिए, बल्कि सुरक्षा स्मार्टनेस भी, ताकि कोई भी अपने चेहरे या नाम से नहीं, कानून के अनुसार अपनी पहचान के साथ इस देश में रह सके।

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