इटावा। यूपी की भाजपा सरकार का दावा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बेहतर हो रही हैं। आकस्मिक सेवाओं के लिए टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। इनके माध्यम से मरीजों को तत्काल मेडिकल फैसेलिटी दी जाती है। लेकिन तमाम योजनाओं और सुविधाओं के बावजूद मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना किसी चुनौती से काम नहीं है।
ये हम नहीं कह रहे हैं। योगी सरकार के इन दावों की पोल यूपी के इटावा जिला अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल है। जिसने स्वास्थ्य अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। जहां, एक बुजुर्ग महिला को स्ट्रेचर नहीं मिला तो उसका बुजुर्ग पति उसे गोद में लेकर बैठ गया। उसे इंतजार था कि कोई आएगा और उनकी मदद करेगा, लेकिन अस्पताल में तैनात कोई भी स्वास्थ्यकर्मी आगे नहीं आया। बुजुर्ग ने जैसे तैसे करके अपनी पत्नी को अस्पताल के अंदर पहुंचाया।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस वीडियो को एक्स पोस्ट पर शेयर कर लिखा कि देश को हिंदू मुसलमान में उलझा कर शिक्षा स्वास्थ्य बर्बाद कर दो। ये शर्मनाक तस्वीर इटावा ज़िले की है जहां एक 74 साल के बुजुर्ग अपनी 70 साल की पत्नी का इलाज कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
देश को हिंदू मुसलमान में उलझा कर शिक्षा स्वास्थ्य बर्बाद कर दो।
ये शर्मनाक तस्वीर इटावा ज़िले की है जहाँ एक 74 साल के बुजुर्ग अपनी 70 साल की पत्नी का इलाज कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। pic.twitter.com/tdLWDHrY6a— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) April 16, 2025
स्वास्थ्य सुविधाओं की खोली पोल
इस घटना की तस्वीर जैसे ही सामने आई लोगों ने जिला अस्पताल के अधिकारियों को लताड़ना शुरू कर दिया। हैरानी की बात यह है कि जिला अस्पताल में 108 वाली 21 एंबुलेंस हैं। इसके अतिरिक्त 102 वाली 26 और एएलएस की 6 एंबुलेंस भी अस्पताल प्रशासन के पास है। इन सब के बावजूद 73 वर्षीय बुजुर्ग को अपनी 70 साल की पत्नी को गोद में लेकर अस्पताल पहुंचान पड़ रहा है, जो जिम्मेदार अधिकारियों की कार्य करने की मंशा पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
बुजुर्ग दंपत्ति को नहीं मिला एंबुलेंस
बताया जा रहा है कि यूपी के 73 वर्षीय जगदीश अपनी 70 साल की बीमार पत्नी लाली को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उदी गया था। जहां, डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल ले जाने को कहा लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिला। जिसके चलते बुजुर्ग महिला को ऑटो से जिला अस्पताल लाया गया। जिला अस्पताल में भी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बुजुर्ग दंपति को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्हें किसी प्रकार कि कोई सहायता नहीं मिली।
महिला की तबियत काफी गंभीर
महिला चलने में असमर्थ थी, इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्ट्रेचर नहीं दिया। जिसके चलते बुजुर्ग पत्नी को गोद में लेकर बैठा रहा। जैसे तैस करके जगदीश ने पत्नी को डॉक्टर तक पहुंचाया। महिला की तबियत काफी गंभीर थी, उसका अस्पताल में इलाज जारी है लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलकर रख दिया है।