प्रशांत कटियार ✍️
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य, 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में अपनी ऐतिहासिक यात्रा का उत्सव मनाता है। यह दिन केवल राज्य के गठन की याद दिलाने के लिए नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीतिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक प्रगति का प्रतीक भी है। हालांकि राज्य का गठन 24 जनवरी 1950 को हुआ था, उत्तर प्रदेश दिवस की परंपरा 2017 से शुरू हुई जब योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे मनाने का निर्णय लिया। यह दिन राज्य की ऐतिहासिक धरोहर, महान नेताओं और विकास की दिशा में किए गए प्रयासों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बन चुका है।
उत्तर प्रदेश का इतिहास और योगदान भारतीय राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से नौ प्रधानमंत्री निकले हैं, जिनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, चंद्रशेखर, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है। इसके अलावा, भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी और पहली दलित मुख्यमंत्री मायावती का भी जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। राज्य ने हमेशा राजनीति, समाज और संस्कृति के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।
उत्तर प्रदेश का गठन 1950 में यूनाइटेड प्रोविंस के नाम से हुआ था, जिसे बाद में 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश के नाम से जाना गया। वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड का गठन हुआ, लेकिन उत्तर प्रदेश की सामाजिक और राजनीतिक महत्वपूर्णता में कोई कमी नहीं आई। राज्य की जनसंख्या के हिसाब से यह देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां की भौगोलिक विविधता, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। राज्य में 80 लोकसभा सीटें, 403 विधानसभा सीटें और 31 राज्यसभा सीटें हैं, जो उत्तर प्रदेश को भारतीय राजनीति का एक प्रमुख केंद्र बनाती हैं।
महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में यूपी प्रयागराज में आयोजित होता है। इसे संगम के पवित्र तट पर, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं, मनाया जाता है। महाकुंभ का आयोजन हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि यहां लाखों श्रद्धालु एक साथ आकर स्नान करते हैं, जो उन्हें आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का अवसर मानते हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक धारा में बदलाव भी देखा गया है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में कानून व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में सुधार की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं, और यह कदम उत्तर प्रदेश को आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की ओर अग्रसर कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश न केवल भौतिक दृष्टि से बड़ा राज्य है, बल्कि यह भारतीय समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। यहाँ की राजधानी लखनऊ, ऐतिहासिक धरोहरों से भरी हुई है, जबकि वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा और अयोध्या , मथुरा जैसे शहर भारतीय इतिहास और संस्कृति के अमूल्य धरोहरों के रूप में प्रसिद्ध हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की स्थापना दिवस पर हमें राज्य के योगदान, इसके विकास और इसकी चुनौतियों पर भी विचार करना चाहिए।
हालांकि, उत्तर प्रदेश को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है, जैसे कि जनसंख्या नियंत्रण, शिक्षा में सुधार, और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी। इन चुनौतियों के बावजूद, राज्य ने अपने संसाधनों का सदुपयोग किया है और लगातार विकास की ओर अग्रसर हो रहा है।
उत्तर प्रदेश दिवस हमें इस राज्य की गौरवमयी यात्रा पर गर्व करने का एक अवसर देता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम अपने राज्य के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास करें और उत्तर प्रदेश को आने वाले वर्षों में और अधिक समृद्ध और प्रगति की ओर बढ़ने के लिए एकजुट होकर काम करें। उत्तर प्रदेश, अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के साथ, न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

लेखक दैनिक यूथ इंडिया के स्टेट हेड हैं।