– सजा पर सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी, अदालत ने दोनों को भेजा जेल
फर्रुखाबाद: पंद्रह वर्ष पुराने हत्या (murder) व साक्ष्य मिटाने (destruction of evidence) के मामले में अदालत ने दो अभियुक्तों को दोषी ठहराया है। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है, जबकि सजा के निर्धारण के लिए 28 अक्टूबर की तिथि तय की गई है। यह फैसला अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-7, अंकित कुमार मित्तल की अदालत ने सुनाया। अदालत ने नन्दू उर्फ बृजकिशोर पुत्र मलखान सिंह धोबी और सवसुख पुत्र हरदयाल निवासीगण गदनपुर देवराजपुर, थाना कमालगंज को हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में दोष सिद्ध करार दिया।
यह मामला 16 अक्टूबर 2009 का है। थाना कमालगंज क्षेत्र के ग्राम गदनपुर देवराजपुर निवासी शिवम पुत्र नरेश चंद्र ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि गांव के मलखान सिंह की पुत्री रंजना का उनके भाई राजीव से बातचीत करने को लेकर विवाद हो गया था। रंजना के भाई नन्दू उर्फ बृजकिशोर को शक था कि उसकी बहन के राजीव से अवैध संबंध हैं। इसी रंजिश के चलते 18 अक्टूबर 2009 की शाम करीब 7 बजे, नन्दू, मलखान और सवसुख ने मिलकर रंजना को कुल्हाड़ी और चाकू से काटकर मौत के घाट उतार दिया।
शिकायतकर्ता के अनुसार, हत्या के बाद तीनों अभियुक्तों ने रंजना का शव उसके भाई राजीव के घर के बाहर रख दिया, ताकि उस पर आरोप लगे। बाद में नन्दू का भाई रंजीत आया और शव को वहां से अपने घर ले गया। अभियोजन के अनुसार, अर्चना, जो नन्दू की बहन थी, उसने अपने घर में पड़े खून के निशान मिटाने के लिए खून से सनी मिट्टी गांव के बाहर फेंक दी, ताकि साक्ष्य नष्ट हो जाएं। घटना को गांव के कई लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा था।
पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचना के बाद पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र (चार्जशीट) न्यायालय में दाखिल किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान मलखान और रंजीत की मृत्यु हो चुकी है। शेष अभियुक्त नन्दू उर्फ बृजकिशोर और सवसुख के विरुद्ध अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए।
शासकीय अधिवक्ता संजीव कटियार की प्रभावी पैरवी और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने दोनों अभियुक्तों को हत्या (धारा 302 आईपीसी) व साक्ष्य मिटाने (धारा 201 आईपीसी) के अपराध में दोष सिद्ध किया। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। सजा के निर्धारण के लिए 28 अक्टूबर 2025 की तारीख तय की गई है।


