- पूरे प्रदेश में होगी सख्ती,तेल माफिया पवन पर नायरा कंपनी ने भी कसा शिकंजा
- दूसरी पंप पर कार्यवाही पर देरी से शासन का संज्ञान
फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश (UP) में बायोडीजल पंपों की अनियमितताओं को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। जिले के चर्चित सियाराम बायो फिलिंग स्टेशन को सील किए जाने की कार्रवाई के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। फिलिंग स्टेशन के मालिक पवन कटियार पर फर्जीवाड़े और अवैध बायोडीजल बिक्री का संगीन आरोप लगा है, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, डीएसओ फर्रुखाबाद द्वारा पंप से लिए गए बायोडीजल के सैंपल कन्नौज जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं, तेल माफिया पवन कटियार इस कार्रवाई से बचने के लिए ‘जुगाड़ तंत्र’ सक्रिय करने में जुट गया है। उसकी दूसरी बायोडीजल यूनिट खुटिया स्थित पंप भी अब यूपी नेडा (NEDA) की रडार पर है। चर्चा ये भी है कि डीएसओ द्वारा पूर्व में इस पंप को दी गई ‘राहत’ पर भी सवाल उठ रहे हैं।वही सरकार के बड़े अफसर अभी तक इस ओर जिला प्रशासन द्वारा ढील देने को लेकर अचंभित हैं।
इस प्रकरण के बाद यूपी नेडा ने बायोडीजल पंपों और उनकी स्थापना की पॉलिसी को स्पष्ट करने के लिए 6 सदस्यीय विशेष जांच टीम का गठन कर दिया है। माना जा रहा है कि यह टीम जल्द पूरे प्रदेश में बायोडीजल की आड़ में हो रहे काले कारोबार पर शिकंजा कसेगी।
नायरा कंपनी ने भी उठाया कदम, हो सकता है 6 करोड़ का जुर्माना
सियाराम फिलिंग स्टेशन द्वारा तेल कंपनी नायरा के बल (बल्क डीलिंग) दिखा कर जो तेल उठाया गया, उस पर भी सवाल उठे हैं। इस मामले को नायरा कंपनी ने गंभीरता से लेते हुए अमेरिका मुख्यालय तक रिपोर्ट भेज दी है। कंपनी के उच्चाधिकारियों ने एक जांच कमेटी गठित करने की बात कही है, जो पंप के डाटा और पुराने विक्रय का आकलन कर सकती है। यदि अनियमितता पाई गई, तो पंप पर करीब 6 करोड़ रुपये तक का भारी जुर्माना ठोका जा सकता है।
इसी के साथ जीएसटी और आयकर चोरी की जांच भी अलग-अलग एजेंसियों द्वारा की जा रही है। शमशाबाद थाना पुलिस भी पवन कटियार के कागज़ात खंगालने में जुटी हुई है। नायरा कंपनी के सेल्स विभाग ने अवैध रूप से उनके नाम से बिका तेल बेहद गंभीर मामला मानते हुए, कड़ी कार्रवाई की संस्तुति दी है।
तेल माफिया का नेटवर्क, सीएम कार्यालय ने मांगी जांच रिपोर्ट
पवन कटियार पर फर्रुखाबाद, बरेली और आसपास के जिलों में एक संगठित तेल माफिया नेटवर्क चलाने का भी आरोप है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बायोडीजल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई योजनाओं का यह माफिया लाभ उठाकर करोड़ों का अवैध कारोबार कर रहा था।
अब इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया है और जनता से फीडबैक तथा रिपोर्ट तलब की है। यह मामला सिर्फ एक पंप की अनियमितता नहीं, बल्कि बायोडीजल के नाम पर चल रहे संगठित अपराध का एक बड़ा उदाहरण बन चुका है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में कई और नाम इस प्रकरण में सामने आ सकते हैं।
पंप के सील होने के बाद अगली कार्रवाई में गिरफ्तारी, लाइसेंस रद्दीकरण और संपत्ति कुर्की तक की नौबत आ सकती है। फर्रुखाबाद में शुरू हुई यह कार्रवाई अब प्रदेशभर में बायोडीजल माफियाओं के खिलाफ एक बड़ी मुहिम का संकेत देती है।