नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश पुलिस के व्यवहार और कामकाज पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस “अपनी शक्तियों का आनंद ले रही है” और उसे अधिक संवेदनशील बनने की आवश्यकता है। यह टिप्पणी कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान की, जहां पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए थे।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया कि यूपी पुलिस अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। इसके जवाब में अदालत ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और राज्य प्रशासन को इस मुद्दे पर ध्यान देने के निर्देश दिए।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने टिप्पणी करते हुए कहा, “कानून व्यवस्था लागू करने की जिम्मेदारी के साथ पुलिस को जनता के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। केवल शक्ति प्रदर्शन से कानून का पालन सुनिश्चित नहीं किया जा सकता।”
अदालत ने यूपी पुलिस के अधिकारियों को नियमित प्रशिक्षण देने और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की। कोर्ट ने कहा कि संवेदनशीलता से जनता का विश्वास अर्जित किया जा सकता है, जो पुलिस की कार्यक्षमता में सुधार के लिए जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने को कहा कि पुलिस का व्यवहार कानून के दायरे में रहकर संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ हो।
यह मामला यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी न केवल पुलिस विभाग बल्कि पूरे प्रशासन के लिए सुधार का संदेश है।