सौर ऊर्जा : स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भविष्य की किरण

0
7

पंकज कटियार

सौर ऊर्जा आज के समय में भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का सबसे प्रभावी और स्वच्छ साधन बन चुकी है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण और पारंपरिक ईंधन के घटते भंडार के बीच सौर ऊर्जा एक ऐसे स्थायी विकल्प के रूप में उभरी है, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करती है बल्कि भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मजबूत बना रही है।

सूरज की किरणों से प्राप्त यह ऊर्जा पूरी तरह प्राकृतिक और नवीकरणीय है। सोलर पैनलों की मदद से सूर्य की रोशनी को बिजली में बदला जाता है, जिससे घरों, स्कूलों, अस्पतालों, उद्योगों और खेतों तक स्वच्छ ऊर्जा पहुंचाई जा सकती है। ग्रामीण इलाकों में जहां बिजली आपूर्ति अस्थिर रहती है, वहां सौर ऊर्जा प्रकाश और प्रगति दोनों की नई उम्मीद बन चुकी है।

भारत सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप दिए जा रहे हैं, जिससे सिंचाई में डीजल या ग्रिड बिजली की आवश्यकता नहीं रहती। सोलर रूफटॉप योजना से आम नागरिक अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर अपनी बिजली खुद बना रहे हैं और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी प्राप्त कर रहे हैं। वहीं वन नेशन, वन सन, वन ग्रिड की पहल देशभर में सौर ऊर्जा वितरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।

राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य आज देश में सौर ऊर्जा के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। राजस्थान का भादला सोलर पार्क दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है, जो लाखों घरों को बिजली दे रहा है। उत्तर प्रदेश में भी मिर्जापुर, झांसी और सोनभद्र जिलों में बड़े सौर संयंत्र विकसित किए जा रहे हैं।

सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण को बड़ा लाभ मिल रहा है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं होता, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण दोनों में कमी आती है। इसके साथ ही सौर परियोजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं — इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और उत्पादन से जुड़ी नौकरियों के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिल रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व नेतृत्व की भूमिका निभा सकता है। यदि हर घर, हर संस्था और हर उद्योग सौर ऊर्जा को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाए, तो भारत न केवल स्वच्छ बल्कि आत्मनिर्भर ऊर्जा राष्ट्र के रूप में विश्व में उदाहरण पेश करेगा।

सौर ऊर्जा सिर्फ बिजली का स्रोत नहीं, बल्कि हरित विकास, स्वच्छ पर्यावरण और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बन चुकी है। यह वह किरण है, जो भविष्य को उज्जवल और सुरक्षित बनाएगी।

लेखक( बीटेक इलेक्ट्रॉनिकस एंड कम्युनिकेशन) सनराइज सोलर एंटरप्राइजेज के मालिक हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here