पीलीभीत। भीषण गर्मी और उमस के बीच शहर के लाल रोड स्थित मोहल्ला आसफजन, डोरीलाल क्षेत्र में शुक्रवार सुबह 6:30 बजे से बिजली आपूर्ति बाधित है। हैरानी की बात यह है कि विद्युत विभाग से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप पर बार-बार शिकायत और संदेश भेजे जाने के बावजूद किसी अधिकारी ने न तो कोई प्रतिक्रिया दी और न ही बिजली बाधित होने का कारण बताया।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में इस लापरवाही को लेकर रोष व्याप्त है। बिजली न होने से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति भी ठप पड़ी है, जिससे लोगों के दैनिक आवश्यक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, पीलीभीत के जिलाध्यक्ष देवेश बंसल ने इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए कहा है कि “शुरुआत में विद्युत विभाग का ग्रुप जनसंपर्क का अच्छा माध्यम था, जहाँ समय पर सूचना मिल जाती थी। लेकिन अब यह ग्रुप निष्क्रिय होता जा रहा है, जबकि जनता की परेशानियाँ बढ़ती जा रही हैं।”
उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि इस ग्रुप में सांसद, विधायक और जिलाधिकारी को भी जोड़ा जाए, ताकि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और शीर्ष अधिकारियों को भी आमजन की समस्याओं की जानकारी सीधे तौर पर मिल सके।
जनता पूछ रही है सवाल:
जब सुबह 6:30 बजे से बिजली गुल है, तो अब तक बहाली क्यों नहीं हुई?
किस फॉल्ट के कारण आपूर्ति बंद है? क्या इसकी कोई सूचना जारी की गई?
ग्रुप में शिकायत करने पर भी चुप्पी क्यों साधी गई है?
संपादकीय दृष्टिकोण:
एक ओर सरकार डिजिटल माध्यमों से “स्मार्ट प्रशासन” की बात करती है, वहीं जमीनी स्तर पर जनता को “सूचना विहीन संकट” का सामना करना पड़ता है। यह विडंबना है कि जहाँ बिजली विभाग तकनीकी दिक्कतों का हवाला देता है, वहीं संवादहीनता से समस्या और गहरी हो जाती है।
आज जनता को केवल बिजली ही नहीं चाहिए, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता भी चाहिए। यदि विभागीय समूह संवाद का माध्यम नहीं बन पा रहा है, तो जनप्रतिनिधियों को इसमें शामिल कर सीधे निगरानी का विकल्प बनाना ही उचित होगा।
जन अपेक्षा है कि जिलाधिकारी और विद्युत विभाग इस मामले को संज्ञान में लें और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही से बचने के लिए ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करें।