इंफाल। मणिपुर (Manipur) में मैतेई और कुकी समुदाय के शुरू हुए बीच हिंसक संघर्ष को करीब ढेढ़ साल हो हैं, लेकिन राज्य में लगातार हिंसा (Violence) की खबरें सामने आती रही हैं। इस कड़ी में फिर एक बाद भयंकर हिंसा हुई। जिसमें प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला कर आगजनी की। हिंसा के बाद इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में शाम 4:30 बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही भड़काऊ पोस्ट और वीडियो पर रोक लगाने के लिए इंटरनेट सेवा भी निलंबित कर दी गयी है।
दरअसल, इंफाल (Imphal) के ख्वायरमबंद कीथेल (Khwairamband Keithel) में छह लोगों- तीन महिलाओं और तीन बच्चों के अपहरण और हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शन देखा गया। इनका शव जीरीबाम में बराक नदी में मिला था। आशंका जताई जा रही है कि ये 11 नवंबर को सुरक्षा बलों द्वारा 10 ह्मार लोगों के मारे जाने वाले स्थान के पास विस्थापित मैतेई लोगों के शिविर से गायब हुए छह लोग हैं।
पीछे हटते समय, उग्रवादियों ने कथित तौर पर पुलिस स्टेशन के पास एक राहत शिविर से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया था। मैतेई संगठनों ने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया है।
प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों पर बढ़ती हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। इस दौरान भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह, रघुमणि सिंह और सपम कुंजकेश्वर, निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत के घर को भी निशाना बनाया गया। इंफाल में स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन और उपभोक्ता मामलों के मंत्री एल सुसिन्द्रो सिंह के घरों में भी तोड़फोड़ की गयी।