रसूलाबाद, कानपुर देहात: धर्मगढ़ बाबा स्थल पर आयोजित साप्ताहिक श्री मद भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पूज्य शिवा कान्त जी महाराज (Shiva Kant Ji Maharaj) ने आज ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए उपस्थित भक्तों को कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ दीं।
कथा में बताया गया कि ध्रुव ने भगवान विष्णु के प्रति अपनी निष्ठा और भक्ति के माध्यम से अद्भुत अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। महाराज ने कहा कि ध्रुव की कठोर तपस्या और साधना हमें अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहने और किसी भी परिस्थिति में भगवान पर अटूट विश्वास रखने की प्रेरणा देती है।
ध्रुव की कथा यह भी दर्शाती है कि भगवान की कृपा और भक्ति का फल अत्यंत महान होता है। भगवान विष्णु ने ध्रुव को वरदान प्रदान किया और उनका नाम ध्रुव तारे के रूप में अमर कर दिया। शिवा कान्त जी महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि ध्रुव चरित्र साधना और तपस्या के महत्व को उजागर करता है और भक्ति मार्ग की महिमा तथा इसके फल को समझने में मार्गदर्शन करता है।
उन्होंने उपस्थित भक्तों को कहा कि ध्रुव का जीवन हमें प्रेरणा देता है और उनका चरित्र आज भी आदर्श के रूप में सामने है। महाराज ने इस अवसर पर सभी भक्तों से अपने जीवन में भक्ति, निष्ठा और दृढ़ संकल्प को अपनाने की अपील की।