नई दिल्ली: Shardiya Navratri के छठे दिन मां कात्यायनी (maa Katyayani) की पूजा होती है। कल रविवार 28 सितंबर को नवरात्र की छठी तिथि है। मां कात्यायनी दुर्गा के नौ रूपों की छठी माता हैं। मां कात्यायनी की उपासना से जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। वैवाहिक जीवन दुरुस्त होता है। गृहस्थ जीवन में शांति आती है।चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी का एक हाथ वर मुद्रा तो दूसरा अभय मुद्रा में रहता है।
मां कात्यायनी माता के एक हाथ में तलवार तो दूसरे हाथ में कमल का फूल ले रखा है। देवी दुर्गा के समान मां कात्यायनी भी सिंह की सवारी करती हैं, जिन्हें माता के शक्तिशाली स्वरूपों में से एक माना जाता है। इस दिन मां कात्यायनी की उपासना से जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। वैवाहिक जीवन दुरुस्त होता है। गृहस्थ जीवन में शांति आती है।चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी का एक हाथ वर मुद्रा तो दूसरा अभय मुद्रा में रहता है।
कल रविवार 28 सितंबर को नवरात्र की छठी तिथि में पूजा के लिए मां कात्यायनी माता की पूजा का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। अमृत काल शाम 6 बजकर शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
मां कात्यायनी के भोग
मां कात्यायनी को पीली मिठाई और पीले फल विशेष प्रिय हैं. इसलिए छठे दिन कोई भी पीली मिठाई और पीले वस्त्र माता को अर्पित करना चाहिए.
मां कात्यायनी का वंदना मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.