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Sunday, April 20, 2025

सनसनीखेज : ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के मुख्य आरोपी का सबसे बड़ा राजदार भाजपा में!

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– एक होटल की आड़ में आज भी चल रहे गैर राज्यों तक काले व्यवसाय
– गैर जाति महिला को भी बनाया हवस का शिकार,बना शादी पैदा किए बच्चे

फर्रुखाबाद। जिले की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आने वाला है। भाजपा के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी की बहुचर्चित हत्या के मुख्य आरोपी व पूर्व विधायक विजय सिंह के सबसे बड़े राजदार की परतें अब खुलने को हैं। जिस व्यक्ति ने कुछ ही वर्षों में करोड़ों की संपत्तियां अर्जित कीं, वह आज भाजपा की ही छत्रछाया में पनाह लिए बैठा है।

काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त

ठेकेदारी के नाम पर इस व्यक्ति ने सरकारी योजनाओं में जमकर खेल किया। विभिन्न विभागों में रसूख के दम पर टेंडर हासिल कर अपने काले कारोबार का एक ऐसा नेटवर्क खड़ा कर लिया, जिससे होने वाला मोटा लाभांश आज भी जेल में बंद पूर्व विधायक विजय सिंह तक पहुंच रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसी पैसे से न सिर्फ जेल के भीतर ‘सुविधाएं’ मिलती हैं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त होता है।

निजी जीवन भी विवादों से भरपूर

सिर्फ पेशेवर ही नहीं, इस राजदार का निजी जीवन भी गहरे विवादों में है। समाज में ऊंचे दर्जे का दिखावा करने वाले इस व्यक्ति ने अपनी जाति से इतर एक महिला से गुपचुप विवाह कर लिया। यह रिश्ता समाज के हर कानून और रीति-नीति को ताक पर रखकर रचा गया। यही नहीं, उस महिला से एक अवैध संतान भी पैदा हुई, जिसे आज तक समाज से छिपाकर रखा गया है।

भाजपा में कैसे मिली शरण?

सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब इस राजदार की इतनी काली करतूतें हैं, तो भाजपा में उसे कैसे जगह मिली? क्या पार्टी नेतृत्व को उसकी पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं थी, या फिर जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया गया? क्या यह राजनीति में अपराधियों के लिए खुला प्रवेशद्वार बन चुका है?

जल्द होगा बड़ा खुलासा

खुफिया एजेंसियां और मीडिया सूत्रों से मिल रही जानकारियों के अनुसार इस पूरे प्रकरण में बड़ा खुलासा होना तय है। जल्द ही कई बड़े नामों का पर्दाफाश हो सकता है, जो अब तक अंधेरे में छिपे बैठे थे। ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड से जुड़े इस राजदार का हर रहस्य अब सामने आने को तैयार है।

जागिए, क्योंकि यह सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम में छुपे उस संक्रमण की पहचान है जो लोकतंत्र की नींव को दीमक की तरह चाट रहा है।

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