जयपुर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता (senior congress leader) और राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष (नेता प्रतिपक्ष) रामेश्वर डूडी (Rameshwar Dudi) का कल यानी बीते शुक्रवार की देर रात बीकानेर में बीमारी के बाद निधन (passes away) हो गया। रामेश्वर डूडी (62) को दो साल पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और तब से वे कोमा में थे। उनका ज़्यादातर समय दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था। उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए, उन्हें हाल ही में बीकानेर स्थित उनके घर वापस लाया गया था। हालाँकि, वे अंतिम सांस लेने तक जीवन रक्षक प्रणाली पर ही रहे।
उनका जन्म 1 जुलाई, 1963 को हुआ था और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एनएसयूआई नेता के रूप में की थी। बाद में डूडी ने नोखा पंचायत समिति (1995-1999) में प्रधान का चुनाव जीतकर मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया। वे कांग्रेस के टिकट पर (1999-2004) बीकानेर से लोकसभा के लिए चुने गए।
डूडी नोखा (2013) से विधायक चुने जाने से पहले दो कार्यकालों तक बीकानेर के जिला प्रमुख भी रहे। उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता (2013-2018) के रूप में कार्य किया। हालाँकि, वे 2018 का अगला विधानसभा चुनाव हार गए। 2023 के चुनावों में, उनके अस्वस्थ होने के कारण, कांग्रेस ने डूडी की पत्नी सुशीला को नोखा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने पार्टी के लिए जीत हासिल की।
विभिन्न दलों के नेताओं ने डूडी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से डूडी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि भी अर्पित की गई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा (भाजपा), कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कई विधायक डूडी के अंतिम संस्कार में शामिल होने बीकानेर पहुँचे।