अमृतपुर, फर्रूखाबाद। तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत बलीपट्टी रानी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण एसडीएम अतुल कुमार सिंह ने नायब तहसीलदार अनवर हुसैन के साथ किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय की सुविधाओं, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र-छात्राओं के लिए उपलब्ध संसाधनों और मिड-डे मील की स्थिति का जायजा लिया गया।
एसडीएम ने विद्यालय के प्रधानाध्यापिका नीलम अग्निहोत्री, शिक्षक, शिक्षामित्र और कर्मचारियों से बातचीत की और विद्यालय की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि विद्यालय में कुल 104 छात्र पंजीकृत हैं, जबकि मौके पर केवल 61 बच्चे उपस्थित थे। एमडीएम रजिस्टर में 79 बच्चों का नाम दर्ज था, जबकि केवल 61 बच्चे उपस्थित थे। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि कुछ बच्चे खाना खाकर चले गए थे, लेकिन फिर भी रजिस्टर में यह गड़बड़ी मिली।
एसडीएम ने छात्रों से शिक्षा संबंधी सवाल-जवाब किए, जिसमें कुछ छात्रों ने सही जवाब दिए, लेकिन कुछ को जवाब देने में कठिनाई हुई। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में कमी नजर आई। एसडीएम ने प्रधानाध्यापिका को शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए।
शौचालयों का निरीक्षण किया गया, तो वहां गंदगी मिली। दिव्यांग शौचालय में भी सफाई की स्थिति ठीक नहीं थी। हैंड वॉश भी गंदा था। एसडीएम ने मौके पर सफाई कर्मचारियों को बुलाकर कड़ी चेतावनी दी और सफाई व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता बताई।
एसडीएम ने मिड-डे मील रजिस्टर और रसोई कक्ष का निरीक्षण किया। रसोई में आटा और चावल की मात्रा कम पाई गई, और खाना चूल्हे पर बनता हुआ प्रतीत हो रहा था। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि गैस सिलेंडर 15 दिन में समाप्त हो जाता है, लेकिन रसोई में पिछले वर्ष के 11 महीने का ही रिकॉर्ड मिला। यह गड़बड़ी मिड-डे मील योजना में समस्याएं उत्पन्न कर रही है।
विद्यालय परिसर की सफाई व्यवस्था भी दयनीय पाई गई। बच्चों से जब मेन्यू के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें मौसमी फल और रोटी दी जाती है। हालांकि, कुछ छात्रों को भोजन से संबंधित सवालों का उत्तर देने में कठिनाई हुई।
एसडीएम ने पाया कि सहायक अध्यापक अशोक और एआरपी फूलचंद विद्यालय में अनुपस्थित थे, जबकि प्रधानाध्यापिका ने बताया कि वे नियमों के खिलाफ बाहर गए थे।
एसडीएम अतुल कुमार सिंह ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप विद्यालयों की सुविधा, संसाधन, शिक्षा की गुणवत्ता और समस्याओं की जांच करना उनका उद्देश्य है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीघ्र सुधारात्मक कदम उठाए जाएं, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं प्रदान की जा सकें।