फर्रुखाबाद | जिले मे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने एक बार फिर शासन के दिशा निर्देशों की अनदेखी करते हुए विद्यालय समय में जिला मुख्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शिक्षा विभाग के महानिदेशक द्वारा विद्यालय समय में किसी भी प्रकार के आंदोलन पर रोक लगाने के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आयोजित किया गया।
इस धरने की सबसे अहम बात यह रही कि मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारी पूरे घटनाक्रम के दौरान चुप्पी साधे रहे, मानो कुछ हुआ ही न हो। जबकि यह प्रदर्शन न केवल व्यापक था, बल्कि कार्यक्रम के बैनर पर भी समय दोपहर 12:00 बजे अंकित था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह सब पूर्व नियोजित तरीके से विद्यालय समय में ही आयोजित किया गया।धरने का प्रमुख मुद्दा पुरानी पेंशन योजना की बहाली समेत कुल 14 सूत्रीय मांगों को लेकर था, जिसे लेकर शिक्षक लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन दोपहर 12 बजे शुरू हुआ, जबकि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों का समय 1:30 बजे तक निर्धारित है। ऐसे में विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित होना स्वाभाविक था।गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह भी स्कूल समय में आयोजित किया गया था, जिसकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं।कई अखबारों ने यह प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। इससे यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या शिक्षक संगठन विद्यालयी व्यवस्था को लेकर गंभीर हैं?इस पूरे मामले पर जब बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद से सवाल किया गया, तो उन्होंने बयान दिया कि कुछ शिक्षक समय से पहले मुख्यालय आ गए होंगे। हालांकि, भारी संख्या में शिक्षकों की मौजूदगी और कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से दोपहर 12 बजे का समय अंकित होने से यह बयान औपचारिकता से ज़्यादा कुछ नहीं लगता।यह घटनाक्रम साफ दर्शाता है कि शिक्षक संघ जिम्मेदारों के ऊपर दबाव बनाए हुए हैं जिससे शिक्षा व्यवस्था पर और गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।