यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बार और न्याय मंदिर की दो आंखें हैं। न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग से हुए झूठे मुकदमे की सच्चाई सामने लाने के लिए कोर्ट ने झूठे मामले में फंसाकर सरकारी व निजी धन की बंदरबांट करने वाले गैंग पर कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
इलाहाबादहाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह आरोपियों की सूची बनाकर कार्यवाही करे। झूठे मुकदमे दर्ज कराकर पीडि़ताओं को मिलने वाले धन का बंटवारा करने वाले गैंग के सदस्यों को चिन्हित किया जाए। मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।
प्रयागराज हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने याचिका दायर कर न्यायालय मंदिर के पास स्थित अवैध निर्माण को हटाने का अनुरोध किया। याचिका में कहा गया कि मंदिर के निकट बने अवैध निर्माण से न्यायालय के परिसर में अव्यवस्था फैल रही है और सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए निर्माण हटाने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह गैंग के सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान बनाए रखे।
इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिनों के भीतर निर्धारित की गई है और कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लिया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।