यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। केंद्र और राज्य सरकार की लोकलुभावन योजनाओं का जिले में सही तरीके से क्रियान्वयन न होने की रिपोर्ट सामने आई है। यह जानकारी विभिन्न सरकारी विभागों और स्थानीय नागरिकों की शिकायतों पर आधारित है।
प्रधानमंत्री आवास योजना: जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 2,500 आवासों की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन अभी तक केवल 1,200 आवासों का निर्माण पूरा हुआ है। निर्माण कार्य में धीमी प्रगति और सामग्री की कमी के कारण कई लाभार्थियों को आवास प्राप्त नहीं हो सके हैं।
स्वच्छ भारत मिशन: स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में 150 नए शौचालयों का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन अभी तक केवल 70 शौचालयों का ही निर्माण हुआ है। इसके अतिरिक्त, कई शौचालयों में सुविधाओं की कमी और रखरखाव की स्थिति भी खराब है।
सौभाग्य योजना: सौभाग्य योजना के तहत जिले के 500 गांवों में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य था। आंकड़ों के अनुसार, 300 गांवों में ही बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति अभी भी अस्थिर और अविश्वसनीय बनी हुई है।
उज्जवला योजना उज्जवला योजना के तहत 5,000 महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य था। अब तक केवल 3,200 महिलाओं को ही कनेक्शन मिल पाए हैं। कई लाभार्थियों ने कनेक्शन की धीमी प्रक्रिया और गैस सिलेंडर की कमी की शिकायत की है।
महत्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना: इस योजना के तहत जिले में 1,000 नए रोजगार कार्यों की शुरुआत की जानी थी, लेकिन केवल 600 कार्य ही शुरू हुए हैं। भुगतान में देरी और कार्य की गुणवत्ता में कमी की शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इन योजनाओं के सही क्रियान्वयन की मांग की है और अधिकारियों से उचित कार्रवाई की अपील की है। अधिकारियों ने स्थिति में सुधार के लिए समीक्षा बैठकें आयोजित करने और योजनाओं के क्रियान्वयन को तेज़ करने का आश्वासन दिया है। सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए जिला प्रशासन को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि योजनाओं का वास्तविक लाभ लाभार्थियों तक पहुँच सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।