यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। दिवाली के बाद मौसम में बदलाव के साथ ही शहर में सर्दी बढऩे से मच्छरों की संख्या में इजाफा हो गया है, जिससे संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ गया है। तापमान में बदलाव के कारण बुखार, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के मामलों में वृद्धि हो रही है। परिणामस्वरूप, जहां एक ओर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, वहीं गली-मोहल्लों में अपनी दुकानें सजाने वाले नीम हकीम भी बड़ी संख्या में मरीजों को उपचार देने में व्यस्त हैं।
सरकारी अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और लोग इलाज के लिए अस्पतालों की ओर दौड़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन संक्रामक रोगों के प्रति अलर्ट जारी कर दिया है और मरीजों को उचित उपचार की सलाह दी जा रही है।
सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ नीम हकीमों की दुकानों पर भी मरीजों की तादाद में इजाफा हुआ है। इन हकीमों के पास लोग बुखार, शरीर में दर्द, मच्छरदानी से जुड़ी परेशानियों के लिए इलाज लेने आ रहे हैं। हालांकि, इन इलाजों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता पर सवाल उठते रहे हैं, फिर भी लोग अपने पारंपरिक उपायों की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मच्छरों से बचने के लिए एहतियात बरतें और घरों में पानी जमा न होने दें। बुखार, सर्दी और अन्य संक्रमणों के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें और समय रहते इलाज कराएं। मच्छरों को नियंत्रण में रखने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और शरीर पर मच्छर भगाने वाले पदार्थों का प्रयोग करें।
हालांकि सरकारी अस्पतालों में रोगियों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन अस्पतालों में सुविधाओं की कमी और कर्मचारियों की अधिक दबाव में काम करने की स्थिति से कई लोग परेशान हो रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर ये संक्रमण और संक्रामक रोग इसी गति से बढ़ते रहे, तो स्वास्थ्य प्रणाली पर और अधिक दबाव पड़ सकता है।