यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। सर्च लाईट भवन बीबीगंज में रक्षाबन्धन के पावन पर्व का आयोजन दो मिनट परमात्मा शिव को याद करके शुभारम्भ किया गया। जिसमें मंच पर श्री श्री 108 ईश्वरदास महाराज पांचालघाट, भ्राता संजय कुमार जी (अपर पुलिस अधीक्षक फर्रुखाबाद, डा0 मिथलेश अग्रवाल ,समाजसेवी शिक्षाविधि, भ्राता अनिल त्रिपाठी पूर्व आर.टी.ओ.), भ्राता संजीव कुमार यादव प्राचार्य, एस0वी0एस0 डिग्री कालेज एवं राजयोगनी बी0 के0 मंजु बहन (केन्द्र संचालिका) विराजमान रहीं। कार्यक्रम का संचालन महेश पाल सिंह उपकारी ने किया। इस मौके पर कुमारी बैष्णवी मेहरोत्रा ने स्वागत एवं भावनृत्य की एवं बी0के0 आशा बहन ने रक्षाबन्धन गीत की प्रस्तुति दी। एवं कुमारी राधिका ने सभी को वोट आफ थैंक्स दिया।
बी0 के0 मंजु बहन (केन्द्र संचालिका) ने रक्षाबन्धन के पावन पर्व का आध्यात्मिक रहस्य से अवगत कराया एवं कहा कि सूत्र बांधने की रस्म सुद्ध धार्मिक ही है और हर धार्मिक कार्य को सुरू करने के समय जव भी किसी को कोई संकल्प कराया जाता है तो उसे कलाई में सूत्र (कलावा) को बांधते हैं। भ्राता संजीव कुमार यादव प्राचार्य, एस0वी0एस0 डिग्री कालेज ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह रक्षाबंधन का पर्व केवल बहनों के रक्षा के लिए ही नहीं अपितु कभी कभी वीरागंना बहनों ने कई वार देश की रक्षा कर अपने को वलिदान किया है। कई बहनों के भाई छोटे होते है तो वे कैसे अपनी बहन की रक्षा कर सकता है यदि हम अपने से मनोविकार को दमर करें तो बहनों की रक्षा सहज ही हो सकेगी। डा0 मिथलेश अग्रवाल जी (समाजसवी शिक्षाविधि उद्योगपति कायमगंज) ने कहा कि हमारा भारत देश उत्सवों का देश है। ये त्योहार ही हमें हमारी परम्पराओं एवं संस्कृति को जीवित रखने का मुख्य साधन है। एक दूसरें को मान दे यही हमारें पर्वो का उददृश्य है। आज हम विकास की ओर जा रहे है परन्तु अपनो संस्कृति एवं परम्परा को भूलते जा रहे हैं।
श्री श्री 108 ईश्वरदास जी महाराज, ने कहा कि यह पर्व केवल राखी बांधने बधवाने का मिठाई खाने का पर्व नहीं है। आज के समय को देख रहे है कि वर्तमान समय नारी को अव खुद को ही काली दुर्गा बनाने की आवश्यकता है ।दिन प्रतिदिन कोई न कोई बहनों के अत्याचार की घटना को सुनकर हृदय विदीर्ण हो रहा है। दिन प्रतिदिन बहनों के शील सदाचार का हरण हो रहा है। हमें आज इस पर्व पर बहनों के शील सदाचार की रक्षा का संकल्प करने का संकल्प ले। तव ये दिन ये पर्व सार्थक होगा।