गढ़चिरौली में सबसे बड़ा नक्सली आत्मसमर्पण, वरिष्ठ कमांडर भूपति समेत 61 नक्सली ने हथियार डाले

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गढ़चिरौली, महाराष्ट्र। देश में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। इसी क्रम में बुधवार, 15 अक्तूबर को गढ़चिरौली जिले में इतिहासिक आत्मसमर्पण हुआ। वरिष्ठ नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति ने अपने 60 अन्य साथियों के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

आत्मसमर्पण समारोह गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय के शहीद पांडु आलम हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री फडणवीस ने सभी नक्सलियों का स्वागत करते हुए उन्हें समाज में पुनः शामिल होने का संदेश दिया।

सूत्रों के अनुसार, नक्सली कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल ने शर्त रखी थी कि उनका आत्मसमर्पण मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होना चाहिए। इस शर्त के अनुसार, वेणुगोपाल ने 54 हथियारों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें सात एके-47 और नौ इंसास राइफलें शामिल थीं।

भूपति पर पहले 1 करोड़ रुपए का इनाम था और उन्हें माओवादी संगठन के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में गिना जाता था। वे लंबे समय से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सली अभियानों की निगरानी कर रहे थे। उनके सरेंडर के बाद अबूझमाड़ में माओवादी कमांडरों की पकड़ कमजोर हो गई है।

पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वालों में भाकपा-माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल और केंद्रीय समिति का एक सदस्य तथा एक संभागीय समिति के 10 सदस्य शामिल थे। इस कदम को माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

इस ऐतिहासिक आत्मसमर्पण से महाराष्ट्र में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को नई ताकत मिली है और राज्य में शांति व सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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