मुजफ्फरनगर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी से जूझ रही जनता को आखिरकार राहत मिली है। मुजफ्फरनगर सहित प्रदेश के कई जिलों में बुधवार को तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई और मौसम सुहाना हो गया। हालांकि यह बारिश किसानों के लिए आफत बनकर आई है। बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने गेहूं और अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
मुजफ्फरनगर के कई हिस्सों में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। इससे खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई, जिससे किसान मायूस नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान बताते हैं कि गन्ना बुआई भी बाधित हो गई है और कई जगहों पर आम और आलू की फसलों को भी नुकसान हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी करते हुए बताया था कि प्रदेश में 7 मई तक गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी रहेगी। इसके तहत पश्चिमी यूपी के मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, सहारनपुर, शामली, बिजनौर, अलीगढ़, आगरा और मुजफ्फरनगर में बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी यूपी में भी गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर और वाराणसी सहित कई जिलों में बादल बरसे हैं।
किसानों को हुए नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तत्काल सर्वे कराएं और नुकसान का आकलन कर मुआवजा सुनिश्चित करें। सरकार ने यह भी कहा है कि प्राकृतिक आपदा से जान-माल के नुकसान की स्थिति में पीड़ितों को त्वरित राहत दी जाएगी।
हालांकि जहां आम लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं खेतों में मेहनत कर रहे किसानों के लिए यह मौसम कहर बन गया है। फिलहाल मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों तक और भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।