यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। प्रदेश में योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की दुहाई दी जा रही है, लेकिन अब भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। विकास खंड राजेपुर की ग्राम पंचायत रतनपुर पमारान में शौचालय निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में लगभग 318 शौचालयों का निर्माण किया गया, जिसमें ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा कथित रूप से बड़े पैमाने पर खेल किया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि उस समय चेक के माध्यम से लाभार्थियों को भुगतान किया जाता था, जबकि आधार कार्ड से कोई फीडिंग नहीं की जाती थी। अब जांच में यह सामने आया है कि एक ही व्यक्ति के नाम पर शौचालयों का निर्माण दर्शाकर धन निकाला गया। साक्ष्यों के अनुसार, अनिल पुत्र ओमपाल के नाम पर क्रमांक 12 और 13 पर शौचालयों का निर्माण दिखाया गया, जबकि श्याम मोहन पुत्र शिवकुमार के नाम पर क्रमांक 35, 37, और 39 पर शौचालयों का धन निकाला गया। इसी तरह छविराम पुत्र रामनरेश के नाम पर क्रमांक 40, 46, और 47 पर पैसे का उठाव किया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में 28 से अधिक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके नाम की स्पेलिंग बदलकर उनके नाम पर शौचालयों का निर्माण दर्शाकर भ्रष्टाचार किया गया है। यह एक बड़ा सवाल है कि इस भ्रष्टाचार के पीछे किसका हाथ है। यह मामला केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना हर घर शौचालय के तहत चलाए जा रहे कार्यों पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
पूर्व प्रधान और सचिव पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर लगभग 120 शौचालयों में 14 लाख रुपये से अधिक का घोटाला किया है, जिसके कारण ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीण अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।