यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रूखाबाद। सरकार के द्वारा माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसके उपरांत भी वन विभाग के चंद अधिकारियों की वजह से पूरा विभाग बदनाम हो रहा है। रिश्वत के लालच में हरे पेड़ों पर अधिकारी मिलकर आरा चलवा देते हैं।
वही एक मामला थाना अमृतपुर क्षेत्र के गांव खुशहाली नगला का है। जहां पर सडक़ के किनारे लगे पीडब्ल्यूडी विभाग के आधा दर्जन से अधिक यूकेलिप्टस पेड़ ग्रामीणों ने ठेकेदार को बेचकर कटवा डालें। जब इसकी भनक ग्रामीणों को लगी तो तत्काल ही वन विभाग के रेंजर को फोन पर सूचना दी। मौके पर पहुंचे वन दरोगा के द्वारा पैमाइश कर लकड़ी पर रोक लगा दी गई। तथा मुकदमा लिखवाने की धमकी दे डाली।
फिर साहब के द्वारा ठेकेदार व बेचने वाले युवकों को मुख्यालय पर मिलने आने की कहकर साहब तुरंत दबे पांव चले गए। सूत्रों की माने तो जब मौके बन दरोगा के द्वारा मौके पर जब पैमाइश कर पेड़ रुकवा दिए तो कार्यवाही की जगह मिलने के लिए क्यों बुलाया गया इससे ऐसा प्रतीत होता है कि वन विभाग के कर्मचारियों की ही मिली भगत के कारण हरे वृक्षों पर आरा चलता नजर आ रहा है। तथा मुख्यमंत्री की जीरो टालेस की नीति को इसी तरह के भ्रष्टाचार पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं तथा दोषी भी चंद पैसों का लालच देकर बच जाते हैं लेकिन जो पेड़ सालों की मेहनत करवाए जाते हैं उन पर चंद्र मिनट में आरा चल जाता है।