यूथ इण्डिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। नगर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं गज़़लकार नलिन श्रीवास्तव की संस्मरण संग्रह पुस्तक चित्र अतीत के ने दिल्ली पुस्तक महाकुंभ में धूम मचा दी है। निखिल पब्लिशर्स, आगरा से प्रकाशित इस पुस्तक में स्थानीय 19 हस्तियों के रेखाचित्रों को संजोया गया है। पुस्तक की प्रांजल भाषा, साहित्यिक पुट और गज़़ल जैसी संवेदनशील गहराई ने साहित्य प्रेमियों को प्रभावित किया है। पुस्तक मेले में इसकी विशेष चर्चा रही, और साहित्यकारों ने लेखक को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनकी अगली कृति के शीघ्र प्रकाशन की कामना की।
पुस्तक मेले से लौटे नलिन श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी इस पुस्तक में उनके साथ रहे विशिष्ट व्यक्तित्वों को शब्दों में समाहित किया गया है। पुस्तक में साधारण लोगों की जीवन शैली, आदर्शों और उनके आचरण को शब्दचित्रों के माध्यम से उकेरा गया है, जो जनपद और नगर की संस्कृति एवं आपसी सौहार्द को उजागर करता है। उनकी यह कृति गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाते हुए साहित्य जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने की ओर अग्रसर है।
नलिन श्रीवास्तव साहित्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। अब तक वे छह गज़़ल संग्रह, दो कहानी संग्रह, दो संस्मरण पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं, साथ ही कई साझा संस्करणों में भी उनका साहित्यिक योगदान रहा है। पेशे से शिक्षक श्रीवास्तव ने कई युवा रचनाकारों को साहित्य की मुख्यधारा में लाने और स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी इस नई पुस्तक के प्रकाशन पर साहित्य जगत, पाठकों और शुभचिंतकों द्वारा लगातार बधाइयाँ दी जा रही हैं। दिल्ली पुस्तक महाकुंभ में चित्र अतीत के को लेकर पाठकों में विशेष उत्साह देखने को मिला। कई साहित्य प्रेमियों ने इसे एक संवेदनशील एवं भावनात्मक पुस्तक करार दिया, जिसमें संस्मरणों के माध्यम से समाज का दर्पण प्रस्तुत किया गया है। साहित्यकारों का मानना है कि यह पुस्तक नई पीढ़ी को अपनी जड़ों और संस्कृति से जोडऩे का महत्वपूर्ण कार्य करेगी। साहित्य जगत को उम्मीद है कि नलिन श्रीवास्तव की यह पुस्तक एक विशेष मुकाम हासिल करेगी और आने वाले समय में साहित्य प्रेमियों के बीच और अधिक लोकप्रिय होगी। उनके लेखन की शैली और विषयवस्तु समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रतिबिंबित करती है, जो पाठकों को भावनात्मक रूप से जोडऩे में सफल रही है।
पुस्तक महाकुंभ में नलिन श्रीवास्तव के चित्र अतीत के ने मचाई धूम
