यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। कायमगंज में हाल ही में घटी तीन घटनाओं ने जिले की पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया था, लेकिन पुलिस की सक्रियता और सतर्कता से सच्चाई सामने आ गई है। ताजा मामला कायमगंज क्षेत्र के गांव कुबेरपुर का है, जहां की रहने वाली 21 वर्षीय युवती सावित्री ने 25 अगस्त को पुलिस अधीक्षक के आवास पर जाकर आरोप लगाया था कि गांव के लोगों ने उसके साथ मारपीट और छेडख़ानी की।
युवती के आरोपों से पुलिस प्रशासन पर उंगलियां उठाई जाने लगीं, और राजनीतिक दलों ने भी सवाल खड़े किए। लेकिन जब युवती के सगे भाईयों, अमरपाल और समरपाल, ने पुलिस को दी गई जानकारी से पर्दा उठाया, तो पूरा मामला उलट गया। उन्होंने बताया कि उनकी बहन सावित्री का प्रेमी रजनेश राजपूत, जो एक झोलाछाप डॉक्टर है, उनके घर आता-जाता था। 24 अगस्त को जब रजनेश उनके घर आया, तो इसका विरोध किया गया, जिसके बाद सावित्री ने यह झूठी कहानी रची। इस पूरे घटनाक्रम में सावित्री का बहनोई, होमगार्ड सूरजपाल, जो कि कादरी गेट थाना में तैनात है, भी शामिल था। सूरजपाल ने सावित्री को अपने घर में छुपाया और पूरी साजिश को अंजाम देने में उसका साथ दिया। सावित्री ने गांव के कुछ अन्य लोगों पर भी झूठे आरोप लगाए और पुलिस को गुमराह करने के लिए दो बार पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया।
पुलिस की जांच के बाद यह भी सामने आया कि सावित्री पर पहले से ही कायमगंज कोतवाली में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज है। अब, पुलिस ने सावित्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की है, और इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। सावित्री की झूठी कहानी ने जहां पुलिस को बदनाम करने की कोशिश की, वहीं पुलिस की सूझबूझ और सतर्कता से सच्चाई सामने आई, जिससे यह साबित हो गया कि कानून का राज कायम है और कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।