– 40 करोड़ श्रद्धालुओं और विदेशी मेहमानों का स्वागत करने की तैयारी
प्रयागराज (प्रशांत कटियार)। आगामी प्रयागराज महाकुंभ को ऐतिहासिक और आर्थिक दृष्टि से सफल बनाने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर 5000 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। इस महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं और विदेशी मेहमानों के आगमन की उम्मीद है। इसके साथ ही, आयोजन से लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है।महाकुंभ को भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख आयोजन माना जाता है। यह आयोजन पर्यटन, रोजगार, और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने का एक बड़ा मंच है।महाकुंभ से टिकटिंग, पार्किंग, होटलों की बुकिंग, और अन्य सेवाओं के माध्यम से 200 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है।
आयोजन से स्थानीय व्यापारियों, होटल उद्योग, परिवहन, और शिल्पकारों को लगभग 5000 करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष लाभ होने की संभावना है।
महाकुंभ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिसमें अस्थायी और स्थायी दोनों प्रकार के कार्य शामिल हैं।
महाकुंभ में विदेशी मेहमानों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है। इस बार, महाकुंभ में 1 लाख से अधिक विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति विश्वभर में बढ़ते आकर्षण का प्रतीक है।सरकार ने आयोजन को सफल बनाने के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया है।ट्रांसपोर्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर: नए फ्लाईओवर, सड़कों, और रेलवे कनेक्टिविटी को अपग्रेड किया गया है। आयोजन स्थल पर 3000 से अधिक मोबाइल टॉयलेट और विशेष मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 5,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डिजिटल मैप्स, मोबाइल ऐप्स, और ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम उपलब्ध कराए गए हैं।
महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्वों के अलावा, देशभर से आए संत, महात्मा, और विद्वानों द्वारा धार्मिक प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
महाकुंभ का आयोजन देश की जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान देता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 के महाकुंभ से भारत की जीडीपी में 0.5% तक की वृद्धि हो सकती है। यह आयोजन पर्यटन और अन्य संबंधित उद्योगों में भारी उछाल लाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक ताकत को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। हमारा लक्ष्य इसे अब तक का सबसे व्यवस्थित और भव्य आयोजन बनाना है।”
प्रयागराज महाकुंभ 2025 न केवल भारत की आध्यात्मिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि देश की आर्थिक विकास में एक नई दिशा प्रदान करने वाला आयोजन साबित होगा।