फर्रुखाबाद। पितृ पक्ष के अवसर पर बुजुर्गों की आत्म शांति और उनके प्रति श्रद्धा भाव को लेकर विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं। इन आयोजनों में तर्पण, पिंडदान, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान शामिल शा शामिल हैं जो मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किए जाते हैं। इसके अलावा, विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने बुजुर्गों के सम्मान और उनकी सेवा के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं इनमें बुजुर्गों को सम्मानित करने, उनकी समस्याओं का समाधान करने, और उनके लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है। पितृ पक्ष में किए जाने वाले इन आयोजनों का उद्देश्य बुजुर्गों के प्रति सम्मान और श्रद्धा भाव को बढ़ावा देना और उनकी आत्म शांति के लिए प्रार्थना करना है। इस संदर्भ में ज्योतिषाचार्य डॉक्टर डॉक्टर कृष्णकांत अक्षर का कहना है कि पितृ पक्ष के काल में जो भी दान पुण्य भोज नहीं करते या बुजुर्गों का तर्पण नहीं करते उन्हें पितृ दोष लगता है जिसके चलते ग्रह कलाएं और तमाम प्रकार के परेशानियां मानसिक उलझनें बढ़ती हैं और लौकिक संसार में कठिनाइयां का साया बढ़ता ही जाता है इस कारण से पितृपक्ष के दौरान प्रत्येक प्राणी को दान पुण्य अवश्य करना चाहिए ताकि पितृ दोष से मुक्त रहा जा सके।