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Tuesday, July 8, 2025

कांग्रेस के सिर्फ एक सांसद को डेलिगेशन में मिली जगह, पार्टी ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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भारत ने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों के डेलिगेशन को विदेश भेजने का फैसला किया है। 59 सांसदों का 7 सर्वदलीय डेलिगेशन अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई समेत अन्य देशों की यात्रा करेगा और पाकिस्तान की करतूतों को दुनिया के सामने रखेगा। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार देर रात सांसदों के नाम का ऐलान किया। जिसमें देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ओर से भेजे गए चार नामों में से सिर्फ एक सांसद को डेलिगेशन में शामिल किया गया। इस पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है।

दरअसल, कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार को जो लिस्ट भेजी गयी थी, उसमें आनंद शर्मा (पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री), गौरव गोगोई (उपनेता, कांग्रेस लोकसभा), डॉ. सैयद नसीर हुसैन (सांसद, राज्यसभा) और राजा बरार (सांसद, लोकसभा) का नाम शामिल था। हालांकि, सरकार की ओर से जो लिस्ट जारी की गयी, उसमें इन नामों में से सिर्फ आनंद शर्मा को शामिल किया है। जबकि कांग्रेस के तीन सांसदों शशि थरूर, मनीष तिवारी और डॉ. अमर सिंह का नाम सरकार की ओर से शामिल किया गया है। जिसको लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार और भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जयराम रमेश का एक बयान साझा किया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा, “16 मई की सुबह मोदी सरकार ने कांग्रेस के 4 सांसदों/नेताओं के नाम मांगे, जो पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे। 16 मई को दोपहर 12 बजे तक ही लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री को लिखित रूप में ये 4 नाम बता दिए थे।

आज देर रात (17 मई) सभी प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों की पूरी सूची आधिकारिक तौर पर जारी कर दी गई है। सबसे दुखद बात यह है कि कांग्रेस नेतृत्व द्वारा सुझाए गए 4 नामों में से केवल 1 को ही इसमें शामिल किया गया है। यह मोदी सरकार की पूरी तरह से निष्ठाहीनता को साबित करता है और गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर हमेशा उसके द्वारा खेले जाने वाले सस्ते राजनीतिक खेल को दर्शाता है।”

जयराम रमेश ने आगे कहा, “मोदी सरकार के आग्रह पर शामिल किए गए चार प्रतिष्ठित कांग्रेस सांसद/नेता, निश्चित रूप से प्रतिनिधिमंडल के साथ जाएंगे और अपना योगदान देंगे। कांग्रेस प्रधानमंत्री और भाजपा के दयनीय स्तर तक नहीं गिरेगी। यह हमेशा संसदीय लोकतंत्र की बेहतरीन परंपराओं को कायम रखेगी और भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर पक्षपातपूर्ण राजनीति नहीं करेगी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को शुभकामनाएं देती है। हालांकि, इन प्रतिनिधिमंडलों को कांग्रेस की मांगों से ध्यान नहीं भटकाना चाहिए कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हो और संसद का विशेष सत्र बुलाकर 22 फरवरी 1994 को पारित प्रस्ताव को दोहराया जाए और उसके बाद के घटनाक्रमों पर भी ध्यान दिया जाए।”

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