– कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई, जांच में दोषी पाए गए विक्रेताओं पर होगी सख्त कार्रवाई
फर्रुखाबाद। किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित जनपद स्तरीय उर्वरक समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए कि जनपद में कोई भी उर्वरक कम्पनी या ठोक विक्रेता किसी भी दशा में उर्वरकों की ओवर रेटिंग या ट्रेनिंग नहीं करेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में उर्वरकों की समस्या एवं ओवर रेटिंग की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। दुकानों पर स्टॉक, स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर में अनियमितता के साथ किसानों को एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचे जाने की बातें सामने आई थीं। कई विक्रेताओं ने आज तक अपना रजिस्ट्रेशन भी प्रमाणित नहीं कराया है। जिन विक्रेताओं द्वारा सत्यापन नहीं कराया गया है, उन्हें किसी भी दशा में उर्वरक क्रय-विक्रय की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि कोई भी उर्वरक कम्पनी जनपद में किसी भी नए डीलर/विक्रेता को ट्रेनिंग न दे और न ही उर्वरक की आपूर्ति करे, जब तक संबंधित विक्रेता का सत्यापन, रजिस्ट्रेशन एवं अधिकृत विक्रेता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया जाए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1955 के अंतर्गत यदि कोई कम्पनी या विक्रेता निर्धारित नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत कृषि विभाग की ओर से गठित दलों को आकस्मिक निरीक्षण और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों को मिलेगी राहत
बैठक में कृषि विभाग के अधिकारीगणों को भी सख्त निर्देश दिए गए कि वे समय पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी विक्रेता ओवर रेटिंग या काला बाजारी में संलिप्त न हो।
यह आदेश उप कृषि निदेशक, क्षेत्रीय अधिकारी, सहायक निदेशक, जिला सूचना अधिकारी, संयुक्त कृषि निदेशक सहित समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को प्रेषित किया गया है ताकि जनपद में उर्वरकों की सुचारु व्यवस्था बनी रहे।