लखनऊ। जो छड़ी चुनाव चिन्ह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और ओम प्रकाश राजभर की शान हुआ करती थी, वो अब उनके साथ नहीं रहेगी। राजभर (Om Prakash Rajbhar) की पार्टी ने घोषणा की है कि उसका चुनाव चिन्ह अब चाबी होगा। चुनाव आयोग की ओर से उसे ये चिन्ह दिया गया है। लोकसभा चुनाव-2024 के दो महीने बाद पार्टी को नया चुनाव चिन्ह मिला है। दरअसल, एसबीएसपी ने घोसी में पार्टी उम्मीदवार अरविंद राजभर की हार के लिए चुनाव चिन्ह को जिम्मेदार ठहराया था। उसका मानना था कि चुनाव चिन्ह पर भ्रम के कारण अरविंद राजभर हार गए। नतीजों के बाद ही ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने इसे बदलने का फैसला कर लिया था।
इस फैसले का ऐलान सोमवार को लखनऊ में बुलाई गई बैठक में किया गया। इस दौरान ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया। बैठक में पार्टी के राज्य संगठन को चार अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया गया, जिसमें पूर्वाचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और मध्यांचल हैं।
छड़ी से चाबी पर क्यों आई पार्टी?
ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के बेटे अरविंद राजभर घोसी में NDA के उम्मीदवार थे। उन्हें सपा के राजीव राय का हाथों हार का सामना करना पड़ा था। राजभर की हार 1।62 लाख वोटों से हुई थी। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव में मूलनिवासी समाज पार्टी की लीलावती राजभर को 47 हजार 527 वोट मिले थे। बाद में एसबीएसपी ने आरोप लगाया कि चुनाव चिन्ह के कन्फ्यूजन के कारण हमारे वोट विभाजित हो गए। लीलावती की पार्टी का चुनाव चिन्ह हॉकी स्टिक है जो हमारी पार्टी के चिन्ह स्टिक (छड़ी) से मिलता जुलता है।
इसके बाद एसबीएसपी ने चिन्ह को चाबी में बदलने का निर्णय लिया। ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के मुताबिक, छड़ी चुनाव चिन्ह की वजह से हर चुनाव में उनके दल को नुकसान हो रहा था। इसे देखते हुए अब तय किया गया है कि चाबी चुनाव निशान पार्टी का प्रतीक बनेगा।
राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने कहा, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल उनके प्रत्याशी के खिलाफ हॉकी निशान से डमी प्रत्याशी उतार देते थे। इसकी वजह से हर विधानसभा सीट पर औसतन चार से छह हजार वोट छड़ी की जगह हॉकी को मिलते थे। कुछ ऐसा ही बीते लोकसभा चुनाव में हुआ जब घोसी सीट पर हॉकी चुनाव निशान वाली महिला प्रत्याशी को 48 हजार से ज्यादा वोट मिल गए।
भ्रम के कारण हारी चुनाव?
चुनाव के बाद पार्टी ने अपने वोटरों से बताया था कि ईवीएम मशीन में ऊपर से तीसरे नंबर पर उनका चुनाव चिन्ह छड़ी है। लेकिन, छड़ी और हॉकी मिलते जुलते चुनाव चिन्ह थे। इसलिए हमारे वोटर गलती से ऊपर से तीसरे नंबर पर छड़ी का बटन दबाने के बजाए नीचे से तीसरे नंबर के हॉकी के बटन का दबा आए। जिसकी वजह से लीलावती को इतना वोट मिला। हार के मंथन में यह बात भी सामने आई कि कुछ मतदाता हॉकी और छड़ी को लेकर असमंजस में हो गए, जिसके चलते उन्होंने दूसरे को वोट दे दिया।
इस बीच ओम प्रकाश राजभर ने घोषणा की कि उनकी पार्टी बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भी मजबूती से लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रभाव रखती है, बल्कि बिहार में भी। राजभर ने अपनी पार्टी के नेताओं से आगामी पंचायत चुनाव और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने के लिए भी कह दिया है। इस बीच अरविंद राजभर को एसबीएसपी का राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि उनके भाई अरुण राजभर को राष्ट्रीय प्रवक्ता घोषित किया गया है। वहीं, प्रेम चंद कश्यप को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है।
एसबीएसपी की उपस्थिति मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश में है, लेकिन राज्य के अन्य हिस्सों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए पार्टी ने संगठन को चार क्षेत्रों में विभाजित किया है और प्रत्येक को एक प्रमुख भी मिला है। इस तरह एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ चार जोनल अध्यक्ष भी होंगे।