24.9 C
Lucknow
Thursday, July 17, 2025
Home Blog Page 624

“जब बुलडोज़र आया, अनन्या ने किताबों को सीने से लगाकर भाग लिया”

0

—अम्बेडकर नगर की आठ वर्षीय अनन्या यादव की मार्मिक कहानी
_सपा सुप्रीमो ने लिया बेटी की पढ़ाई का जिम्मा

अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश। 21 मार्च 2025 की दोपहर, जब प्रशासन का बुलडोज़र अम्बेडकर नगर के जलालपुर तहसील के अराई गांव में पहुंचा, तब वहाँ की झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों को यह अंदाजा नहीं था कि उनके आशियाने पल भर में मलबे में तब्दील हो जाएंगे। इन्हीं झोपड़ियों में से एक थी आठ वर्षीय अनन्या यादव का घर, जो अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ यहाँ रहती थी। उस दिन की घटना ने न केवल अनन्या के जीवन को प्रभावित किया, बल्कि पूरे देश का ध्यान भी आकर्षित किया।

किताबों के प्रति अनन्या का प्रेम

अनन्या, जो सरकारी प्राइमरी स्कूल, अराई में कक्षा 1 की छात्रा है, का सपना है कि वह बड़ी होकर एक आईएएस अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उसके लिए उसकी किताबें सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं। जब उसने देखा कि बुलडोज़र उसकी झोपड़ी की ओर बढ़ रहा है, तो वह तुरंत अपनी किताबों की ओर दौड़ी। उसने अपनी हिंदी, अंग्रेजी और गणित की किताबों को अपने सीने से लगाया और आँसू भरी आँखों से वहाँ से भागी।

प्रशासन का कहना था कि यह भूमि सरकारी संपत्ति है और यहाँ अवैध कब्जा किया गया था। जलालपुर तहसीलदार न्यायालय के आदेश के अनुसार, इन झोपड़ियों को हटाया गया। हालांकि, अनन्या के दादा, 70 वर्षीय राम मिलन यादव, का दावा है कि उनका परिवार पिछले 50 वर्षों से इस भूमि पर रह रहा है। उन्होंने बताया कि जब वे प्रशासन से अपनी बात कह रहे थे, तभी एक झोपड़ी में आग लग गई, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई।

यूपी में बुलडोजर कार्रवाई का वायरल वीडियो राजनीतिक तूफान खड़ा कर रहा है -  News18

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें अनन्या अपनी किताबों को बचाने के लिए भागती हुई दिखाई दी। इस मार्मिक दृश्य ने पूरे देश को झकझोर दिया और सुप्रीम कोर्ट का ध्यान भी आकर्षित किया। न्यायमूर्ति ए. एस. ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “एक वीडियो में देखा गया कि छोटी झोपड़ियों को बुलडोज़र से गिराया जा रहा है और एक छोटी बच्ची अपनी किताबों को लेकर भाग रही है। यह दृश्य सभी को झकझोर देने वाला है।”

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, “उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर में एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी शान दिखाने के लिए लोगों की झोपड़ियाँ गिरा रहा है और एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए भागने पर मजबूर है। ये वही भाजपाई लोग हैं, जो कहते हैं: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ!”
अनन्या का सपना है कि वह आईएएस अधिकारी बने और समाज में बदलाव लाए। वह कहती है, “मेरी किताबें ही मेरी दुनिया हैं। मैं पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती हूँ ताकि मेरे परिवार को कभी इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।”

अनन्या की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों की कोई उम्र नहीं होती और संघर्षों के बावजूद, यदि इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा हमें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और न्यायपूर्ण तरीके से कार्य करे, ताकि भविष्य में किसी अन्य अनन्या को अपनी किताबों के साथ भागने की नौबत न आए।

रौजा पुलिस ने एक किलो 19 ग्राम गांजे के साथ युवक को पकड़ा भेजा जेल

0

शाहजहांपुर। रौजा पुलिस ने रात्रि गस्त के दौरान पैतापुर रोड से एक युवक करण पुत्र नंदकिशोर निवासी मो. हिन्दू पट्टी तिलहर को एक किलो 19 ग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पकडे गये युवक ने पुलिस को बताया कि रौजा अड्डे के पास भाँग के सरकारी ठेके की दुकान पर सेल्समेन का काम करता है जहाँ पैसे कम मिलते है इसलिए भाँग की आड़ में गांजे की पुड़िया वनाकर बिक्री करता है। और यह सब कार्य वह भाँग ठेकेदार के सरंक्षण में करता है।

गिरफ्तार करने बाली टीम में प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार उपनिरीक्षक अवधेश कुमार कांस्टेबल हरनाम सिंह विशाल शामिल रहे।

जलालाबाद की घटना—सौहार्द पर साजिश की परछाईं

0

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के जलालाबाद कस्बे में घटित कुरान के पन्ने फाड़ने की घटना न केवल संवेदनशील है, बल्कि यह समाज के भीतर सौहार्द और भाईचारे को चोट पहुँचाने की सुनियोजित साजिश के संकेत भी देती है। जब प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड संशोधन को लेकर विभिन्न धार्मिक समुदायों में चर्चा और असहमति का माहौल है, ऐसे समय में जलालाबाद जैसी घटना का सामने आना प्रशासन और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है।

घटना के अनुसार, जलालाबाद के मोहल्ला नवीन नगर निवासी एक मुस्लिम युवक, नसीम पुत्र सिराज द्वारा कथित रूप से कुरान के कुछ पन्ने फाड़कर कोतवाली से कुछ ही दूरी पर फेंक दिए गए। यह कार्य अत्यंत निंदनीय और भावनाओं को भड़काने वाला है। कुरान मुस्लिम समाज की आस्था का केंद्र है, और उसके पन्नों को फाड़ना केवल एक धार्मिक ग्रंथ का अपमान नहीं, बल्कि समुदाय की आत्मा पर चोट करने जैसा है। जैसे ही यह समाचार फैला, मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग आक्रोशित होकर कोतवाली के सामने एकत्र हो गए।

The person throwing pages of the religious book was caught on CCTV camera |  धार्मिक किताब के पन्ने फेंकने वाला सीसीटीवी कैमरे में कैद: शाहजहांपुर में  गिरफ्तार, पुलिस की ...

इस तरह के घटनाक्रम में भीड़ का उग्र हो जाना स्वाभाविक है, लेकिन यदि प्रशासन सतर्क न होता तो स्थिति आसानी से सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो सकती थी। सौभाग्यवश, स्थानीय पुलिस तत्काल हरकत में आई। इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राय, क्षेत्राधिकारी अमित चौरसिया और एसपी ग्रामीण भवरे दीक्षा अरुण भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया। फ्लैग मार्च कर माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने का प्रयास किया गया।
पुलिस ने आरोपी युवक नसीम को तत्काल हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी में यह भी सामने आया है कि युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त है। हालांकि, यह दावा अभी प्रमाणित नहीं है और पुलिस आरोपी के मानसिक स्वास्थ्य की गहनता से जांच कर रही है।

इस घटना ने यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या यह कार्य अकेले मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्ति का है, या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है? क्या इसे किसी बाहरी तत्व ने उकसाया या योजना के तहत अंजाम दिलवाया? यह सवाल इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि प्रदेश में पहले से ही धार्मिक भावनाओं को लेकर असंतुलन की स्थिति बनी हुई है और सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें और उत्तेजक सामग्री फैलाना आम बात हो गई है।
पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपी का मोबाइल फोन जब्त कर उसकी कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। यह कदम सही दिशा में एक आवश्यक प्रयास है, जिससे यह पता चल सके कि कहीं आरोपी का संपर्क किसी कट्टरपंथी या असामाजिक तत्व से तो नहीं था। इसके अतिरिक्त, घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जांची जा रही है, जिसमें आरोपी की हरकतें स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड हो गई हैं।

The person throwing pages of the religious book was caught on CCTV camera |  धार्मिक किताब के पन्ने फेंकने वाला सीसीटीवी कैमरे में कैद: शाहजहांपुर में  गिरफ्तार, पुलिस की ...

यह मामला केवल एक कानून व्यवस्था की चुनौती नहीं है, बल्कि यह हमारे सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की एक साजिश भी हो सकती है। धर्म और धार्मिक ग्रंथों के प्रति सभी समुदायों की भावनाएं अत्यंत संवेदनशील होती हैं। ऐसे में कोई भी ऐसी घटना जो धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाए, समाज में आग लगाने का काम करती है।
हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत उसका विविधता में एकता का सिद्धांत रहा है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी ने मिलकर इस देश की संस्कृति और सभ्यता को गढ़ा है। लेकिन कुछ तत्व बार-बार इस एकता को तोड़ने के प्रयास करते हैं। वे जानते हैं कि धार्मिक भावनाएं लोगों के दिलों के बहुत करीब होती हैं और उन्हें चोट पहुँचा कर बड़े पैमाने पर अशांति फैलाई जा सकती है।

ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ समाज की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। धार्मिक नेताओं, सामाजिक संगठनों, शिक्षकों और मीडिया को मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे। अफवाहों से बचा जाए, किसी भी घटना की सत्यता की पुष्टि किए बिना प्रतिक्रिया न दी जाए और कानून को अपना काम करने दिया जाए।

यह भी जरूरी है कि ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिले और समाज में यह संदेश जाए कि धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुँचाने वाले किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। साथ ही, यदि आरोपी सच में मानसिक रूप से अस्वस्थ है तो उसकी चिकित्सा और पुनर्वास की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में वह किसी अन्य अप्रिय घटना का हिस्सा न बने।

इस मामले से हमें यह भी सीख मिलती है कि भीड़ की मानसिकता को कैसे नियंत्रित किया जाए। भावनाओं में बहकर भीड़ न्याय अपने हाथ में लेने का प्रयास करती है, जो लोकतंत्र और कानून दोनों के लिए खतरा है। पुलिस ने जिस संयम और तत्परता से स्थिति को संभाला, उसकी सराहना की जानी चाहिए। परंतु दीर्घकालीन समाधान केवल पुलिस बल से नहीं, सामाजिक जागरूकता और शिक्षा से ही संभव है।

जलालाबाद की यह घटना हमें चेतावनी देती है कि सामाजिक सद्भाव को बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है और साथ ही यह भी कि एक छोटी सी घटना कैसे पूरे क्षेत्र को तनाव की ओर धकेल सकती है। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इन चुनौतियों का सामना विवेक और समझदारी से करें।

धार्मिक कट्टरता और उन्माद के विरुद्ध लड़ाई केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों को एक ऐसा समाज दें, जहाँ धर्म, भाषा, जाति या संस्कृति के नाम पर नफरत नहीं, बल्कि आपसी सहयोग, समझ और प्रेम की भावना हो।

जलालाबाद की घटना भले ही एक व्यक्ति द्वारा की गई हरकत हो, लेकिन इसके प्रभाव व्यापक हैं। यह हम सबके लिए चेतावनी है कि धार्मिक भावनाओं के नाम पर समाज को बाँटने की कोशिशें अब भी ज़िंदा हैं। ऐसे में हमें और अधिक सजग, सतर्क और संवेदनशील होने की जरूरत है। तभी हम अपने देश और समाज को उस दिशा में ले जा सकेंगे जहाँ ‘वसुधैव कुटुंबकम’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि जीवन का वास्तविक मंत्र बन सके।

शिव मन्दिर पर अराजक तत्वों ने फेंकी गंदगी (मल ), हिन्दुओं में आक्रोश

0

जलालाबाद। कुरान फाड़ने का मामला अभी शांत भी नही हुआ था कि तहसील के निकट बने शिव मन्दिर में अराजक तत्वों ने गंदगी फेंक कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया है।

भाजपा के नगर अध्यक्ष डिम्पल गुप्ता के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता एकत्रित होकर तहसील पहुंचे और एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए मामले की जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की है। एसडीएम दुर्गेश यादव ने आश्वासन दिया है कि वह पुलिस से बात कर के मामले की निष्पक्ष जांच करवाएंगे।

शिव मन्दिर पर साफ सफाई करने बाले गुड्डू ने एसडीएम को बताया कि सुबह वह मंदिर कि सफाई करने पहुंचे तो पालीथीन में बंद गंदगी मन्दिर पर पड़ी थी जिसकी सूचना सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह भन्नू को दी धीरे धीरे पूरे नगर में यह चर्चा आम हो गईं और हिन्दू संगठन के लोग व भाजपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा पनपने लगा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही को लेकर हिन्दू संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन देने बालों में नगर अध्यक्ष भाजपा डिम्पल गुप्ता भूपेंद्र सिंह भन्नू अनुराग दीक्षित मनमोहन द्विवेदी अर्चित मिश्रा अमित गुप्ता समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।

जेल में बंद आजम खान से होगी 550 करोड़ रुपए की वसूली, जानें पूरा मामला

0

रामपुर। जेल में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आजम खान के जौहर ट्रस्ट के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग कार्रवाई करने जा रहा है। ट्रस्ट से 550 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, जौहर यूनिवर्सिटी में निवेश की गई बेनामी रकम के बदले इनकम टैक्स विभाग ये वसूली करेगा।

क्या है पूरा मामला

रिपोर्ट्स के अनुसार, रामपुर स्थित जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में करीब 350 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन खर्च की गई रकम का स्रोत अभी तक पता नहीं चल पाया है। अब इस पर जुर्माना और ब्याज के साथ आयकर वसूला जाएगा। इनकम टैक्स विभाग जौहर ट्रस्ट से 30 प्रतिशत जुर्माने के साथ इसकी वसूली करेगा।

इनकम टैक्स विभाग ने करीब डेढ़ साल पहले सपा नेता आजम खान और जौहर ट्रस्ट के बाक़ी सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें विभाग को बेनामी निवेश होने के सबूत मिले थे। इस मामले में इनकम टैक्स विभाग ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग CPWD से जौहर यूनिवर्सिटी निर्माण में होने वाले खर्च का मूल्यांकन करने को कहा था। ये रकम 450 करोड़ बताई गई थी। लेकिन जौहर ट्रस्ट के खाते में सिर्फ़ 100 करोड़ थे। जिसका बाद ये बेनामी निवेश माना जा रहा है।

बता दें कि शैक्षणिक संस्थान होने की वजह से जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण पर खर्च हुई रकम पर ट्रस्ट ने कोई आयकर नहीं दिया था। जौहर यूनिवर्सिटी की नींव उस समय रखी गई थी, जब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे। आजम खान अक्टूबर 2023 से जेल में बंद हैं। वह इस समय हरदोई की जेल में हैं।

आजम खान पर लोगों की संपत्ति पर जबरन कब्जा करने का आरोप है। आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला समेत जौहर ट्रस्ट के अन्य सदस्य आरोपी बनाए गए। इसमें ज्यादातर सदस्य आजम खान के परिवार के हैं।

आरोपों में घिरे कृषि विभाग के वरिष्ठ सहायक को डीएम ने जलालाबाद भेजा

0

शाहजहाँपुर। खाद की अपनी कंपनी चलाने समेत अन्य आरोपों में घिरे कृषि विभाग कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक पंकज कुमार सिंह का डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने पटल बदलकर जलालाबाद उप संभाग कर दिया है। उनकी जगह पर लेखाकार शरदवीर को समस्त प्रभार दिया गया है।

मामले में एडीएम एफआर अरविंद कुमार की अध्क्षता में टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। जिला कृषि कार्यालय में करीब 17 वर्ष से तैनात वरिष्ठ सहायक पंकज कुमार सिंह पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपनी खाद की कंपनी खोल ली थी। इसके अलावा डीएम के पास लगातार उनकी शिकायत जा रहीं थीं।

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएम ने वरिष्ठ सहायक को तत्काल प्रभाव से जलालाबाद के उपसंभाग कार्यालय में भेज दिया है। उनका प्रभार लेखाकार शरदवीर को दिया है। डीएम ने लगे आरोपों की जांच करने के लिए एडीएम एफआर अरविंद कुमार के नेतृत्व में उप कृषि निदेशक धीरेंद्र सिंह और पीडी डीआरडीए अवधेश राम की टीम गठित करके जांच के निर्देश दिए हैं।

डीएम धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपों के आधार पर वरिष्ठ सहायक का पटल बदलकर जलालाबाद भेज दिया गया है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।