लखनऊ। योगी सरकार ने राज्य के परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सुधार के एक नए कदम के तहत कक्षा तीन में भी एनसीईआरटी (NCERT) की किताबें पढ़ाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से यूपी बेसिक शिक्षा विभाग ने शैक्षिक सत्र 2025-26 से तीसरी कक्षा में एनसीईआरटी की किताबें शामिल करने का फैसला किया है। इसके साथ ही इन किताबों में स्थानीय भाषाओं और बोलियों को भी जगह दी जाएगी।
वर्तमान में यूपी के परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक और दो में एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों का प्रयोग किया जा रहा है। अब इसे तीसरी कक्षा में भी लागू किया जाएगा, हालांकि किताबों में 10 से 15 प्रतिशत तक क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव किए जाएंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है।
शिक्षा विभाग के अनुसार गणित और संस्कृत/उर्दू में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान में यूपी के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय शब्दावली और संस्कृति से जुड़ी जानकारियाँ जोड़ी जाएंगी। इसके तहत भोजपुरी, बुंदेलखंडी, अवधी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को हिंदी पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाएगा, ताकि छात्र अपने स्थानीय परिवेश की बेहतर समझ प्राप्त कर सकें।
अधिकारियों का कहना है कि हिंदी और अंग्रेजी की पुस्तकों में यूपी से संबंधित विषयों को जोड़ा जाएगा। जल्द ही इस बदलाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। यह भी ध्यान देने योग्य है कि बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को निशुल्क किताबें, ड्रेस, जूता-मोजा और स्टेशनरी मुहैया कराता है, और इसके लिए स्कॉलरशिप राशि भी छात्रों के बैंक खातों में जमा की जाती है।